लखनऊ, 19 दिसंबर 2025:
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को गंभीर बताते हुए पार्टी की सभी राज्य इकाइयों को पूरी ताकत से इसमें जुटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस काम को प्राथमिकता देने के लिए संगठन से जुड़े अन्य कार्यक्रमों को जरूरत पड़ने पर कुछ दिनों के लिए स्थगित किया जा सकता है।
लखनऊ स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित आल इंडिया बैठक में मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में चल रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के दौरान आम लोगों, खासकर गरीबों, मजदूरों और बहुजन समाज के लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बाकी राज्यों को पहले से तैयारी रखनी चाहिए, ताकि कोई भी पात्र नागरिक वोट के अधिकार से वंचित न रह जाए।

उन्होंने कहा कि वोट ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और इसी के बल पर बहुजन समाज शोषित से शासक वर्ग की भूमिका में आ सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केवल वोटर लिस्ट की शुद्धता ही नहीं, बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और धनबल व बाहुबल से मुक्त करना भी जरूरी है।
बैठक में हाल के चुनावों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग से चुनाव प्रभावित करने की कोशिशें लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को ऐसे हालात से निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। उन्होंने चुनाव के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया के लिए भी पार्टी कैडर को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया।
मायावती ने महंगाई, बेरोजगारी और पलायन की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने मनरेगा के स्थान पर प्रस्तावित नई ग्रामीण रोजगार योजना में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी कम किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका बोझ राज्यों पर पड़ेगा और इससे गरीबों को मिलने वाला लाभ प्रभावित हो सकता है।
बैठक में यह भी तय किया गया कि 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह कार्यक्रम मंडल स्तर पर और अन्य राज्यों में जोन स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान बसपा सरकारों के कार्यकाल में किए गए जनहित और सामाजिक न्याय से जुड़े कार्यों की जानकारी भी लोगों को दी जाएगी।






