गोरखपुर, 20 दिसंबर 2025:
गोरखपुर प्रवास के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह कड़ाके की ठंड के बीच गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनीं। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने करीब 250 लोगों से सीधे मुलाकात की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। सीएम ने सभी फरियादियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। हर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
जनता दर्शन के दौरान योगी ने विशेष रूप से विदेश भेजने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे एजेंटों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो विदेश भेजने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पीड़ितों का पूरा पैसा वापस दिलाया जाए।

जनता दर्शन में आई एक महिला ने सीएम को बताया कि उसके परिवार के एक सदस्य को विदेश भेजने का झांसा देकर एक एजेंट ने बड़ी रकम ठग ली। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत पुलिस अधिकारियों को संबंधित एजेंट के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को धनराशि वापस दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने महिला को समझाते हुए कहा कि विदेश जाने के नाम पर अवैध एजेंटों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि गलत तरीके से विदेश जाने पर लोगों को वहां जेल तक जाना पड़ सकता है।
पुलिस से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पीड़ितों की मदद में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान में यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई तय है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा।

भूमि कब्जाने से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गरीबों और कमजोर वर्गों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
जनता दर्शन में इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग लेकर पहुंचे लोगों को भी मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पतालों से संबंधित इस्टीमेट की प्रक्रिया जल्द पूरी कर शासन को उपलब्ध कराई जाए ताकि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पीड़ितों को पर्याप्त सहायता दी जा सके।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिजनों के साथ आए बच्चों को प्यार-दुलार दिया। उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया और चॉकलेट भी बांटी। मुख्यमंत्री का यह संवेदनशील और सख्त प्रशासनिक रवैया जनता के बीच सराहा गया।






