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डिप्रेशन से डिजिटल उद्यम तक : लखीमपुर के मुजाहिद शेख बने CM युवा उद्यमी विकास अभियान की प्रेरक मिसाल

बिना गारंटी ब्याज मुक्त ऋण से गांव में शुरू किया खुद का डिजिटल उद्यम, परिवार के सपनों को मिली नई उड़ान, युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही मुजाहिद की कहानी

लखनऊ, 20 दिसंबर 2025:

विषम परिस्थितियां घेर लें और रास्ते बंद नजर आने लगें तब इंसान के सामने दो ही विकल्प होते हैं। या तो वह हार मान ले या फिर संघर्ष को सफलता की सीढ़ी बना ले। लखीमपुर खीरी के मुजाहिद शेख ने दूसरा रास्ता चुना और आज वे उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की एक प्रेरक मिसाल बन चुके हैं।

कृषि प्रधान जिले लखीमपुर खीरी में पले-बढ़े मुजाहिद का परिवार पूरी तरह खेती पर निर्भर था। समय के साथ खेती की लागत बढ़ती गई लेकिन आमदनी घटती चली गई। परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ीं और बच्चों के भविष्य की चिंता ने आर्थिक दबाव को और गहरा कर दिया। कड़ी मेहनत के बावजूद जब हालात नहीं बदले तो निराशा ने मन में घर कर लिया। लगातार तनाव ने मुजाहिद को डिप्रेशन की स्थिति में पहुंचा दिया। इस दौर में सहयोग के बजाय उन्हें ताने और उपेक्षा का सामना करना पड़ा। आत्मविश्वास डगमगा गया और भविष्य धुंधला नजर आने लगा।

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हालांकि, लखीमपुर खीरी में समय पर इलाज और काउंसलिंग ने उन्हें दोबारा खड़े होने की ताकत दी। करीब तीन साल तक डिप्रेशन से जूझने के बाद जब स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो सबसे बड़ा सवाल आजीविका का था। इसी मोड़ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान उनके जीवन में उम्मीद की किरण बनकर आई।

बिना गारंटी और ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा ने उस डर को खत्म कर दिया जो वर्षों से उन्हें आगे बढ़ने से रोक रहा था। जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों के सहयोग से ऋण प्रक्रिया पूरी हुई और सरकार के भरोसे ने मुजाहिद को नया आत्मविश्वास दिया। ऋण मिलने के बाद उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी की शुरुआत की। इसका उद्देश्य उन छोटे दुकानदारों और सेवा प्रदाताओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ना था जो अब तक केवल ऑफलाइन कारोबार कर रहे थे। धीरे-धीरे गांव में डिजिटल सेवाओं का एक नया केंद्र विकसित हो गया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन का जमीनी उदाहरण बन गया।

इसके बाद मुजाहिद ने थायरोकेयर की फ्रेंचाइजी ली और सैंपल कलेक्शन से जुड़ा कोर्स किया। उन्होंने गांव से ब्लड सैंपल एकत्र कर जांच के लिए लखनऊ भेजना शुरू किया। इससे ग्रामीणों को घर के पास जांच सुविधा मिलने लगी। आज उनका व्यवसाय मजबूती से चल रहा है। वे हर माह नियमित रूप से 5000 रुपये की किस्त जमा कर रहे हैं। 400 से अधिक सेवाएं प्रदान कर गांव में भरोसे का नाम बन चुके हैं।

मुजाहिद ने अपनी फर्म एमएसओ इंटरप्राइजेज के माध्यम से फ्रेंचाइजी देना भी शुरू कर दिया है। साथ ही एक यूट्यूब चैनल के जरिए वे डिजिटल सेवाओं और सरकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय और सामाजिक पहचान दोनों मिल रही हैं।

मुजाहिद अपनी सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार ने युवाओं पर भरोसा न किया होता, तो वे आज भी संघर्ष में फंसे रहते। आर्थिक स्थिरता आने के बाद उनका पारिवारिक जीवन पूरी तरह बदल गया है। अब वे अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला पा रहे हैं।

आज मुजाहिद शेख की कहानी यह साबित करती है कि सही नेतृत्व, प्रभावी नीतियों और मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी युवा संघर्ष को सफलता में बदल सकता है। वे आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के विजन का एक जीवंत उदाहरण बनकर सामने आए हैं।

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