लखनऊ, 21 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। हैरानी की बात यह है कि इस गिरोह का सरगना खुद एक PhD होल्डर निकला। पुलिस ने इस मामले में सरगना सतेंद्र, अखिलेश और सौरभ नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये लंबे समय से भोले-भाले छात्रों को बिना पढ़ाई के डिग्री दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जैसे प्रोफेशनल कोर्स की फर्जी डिग्रियां तैयार कर उन्हें निजी नौकरियों के इच्छुक युवाओं को बेचते थे। ये डिग्रियां देशभर के करीब 25 नामी विश्वविद्यालयों के नाम पर बनाई जाती थीं। इनमें स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय, कलिंगा विश्वविद्यालय और साबरमती विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के नाम शामिल हैं। कोर्स और विश्वविद्यालय के हिसाब से फर्जी डिग्री की कीमत 25 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक तय की जाती थी।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी खासतौर पर उन छात्रों को निशाना बनाते थे जो पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए या जल्द नौकरी पाने की चाह में थे। उन्हें बिना परीक्षा और मेहनत के डिग्री दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वसूली जाती थी। ये फर्जी डिग्रियां मुख्य रूप से प्राइवेट नौकरियों में इस्तेमाल की जाती थीं।
गोमतीनगर इलाके में ही एक प्रिंटिंग शॉप से इस पूरे फर्जीवाड़े का संचालन किया जा रहा था। रविवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर वहां से 923 फर्जी मार्कशीटें, 15 फर्जी मुहरें, करीब 2 लाख रुपये नकद और 65 खाली मार्कशीट पेपर बरामद किए। इसके अलावा एक टाटा हैरियर कार, 6 लैपटॉप, 2 हार्ड डिस्क, 1 प्रिंटर, 1 सीपीयू, 5 मोबाइल फोन, 2 रजिस्टर और 5 चेकबुक व पासबुक भी जब्त की गई हैं।
डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि गोमतीनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ छात्रों को बहकाने और फर्जी डिग्री व मार्कशीट बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह से और कौन-कौन लोग जुड़े थे। देशभर में कितने युवाओं को फर्जी डिग्रियां बेची जा चुकी हैं।






