लखनऊ, 22 दिसंबर 2025:
UP विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सोमवार को भारी हंगामे और तीखे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच शुरू हुई। इससे पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी रैकेट सहित कई जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सपा विधायक विधानभवन के बाहर और परिसर में तख्तियां व बैनर लेकर प्रदर्शन करते नजर आए।
कई विधायकों ने अपने हाथों में कोडीन सीरप से जुड़े पोस्टर थाम रखे थे जबकि कुछ ने पोस्टर पहनकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। पोस्टरों पर… कोडीन सीरप बना जहर, माफियाओं का छाया कहर, कोडीन से मासूमों की जान गई और भाजपा सरकार नाकाम है… जैसे नारे लिखे थे। प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने SIR, लोक सेवा आयोग में कथित विसंगतियां, खाद की कमी, धान खरीद में अनियमितता, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सपा विधायकों ने सदन के भीतर भी जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। सीरप तस्करी पर चर्चा की मांग करते हुए विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। सपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार से इस पूरे मामले पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोडीन सीरप प्रकरण में जो भी दोषी है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो।
उन्होंने यहां तक कहा कि यदि सपा का कोई कार्यकर्ता भी इसमें शामिल पाया जाए तो उस पर भी कार्रवाई हो।
माता प्रसाद पांडेय ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में मनमानी जारी है। डॉक्टर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। एमआरआई जैसी जरूरी मशीनें काम नहीं कर रही हैं। जांचों के नाम पर गरीब मरीजों से भारी उगाही की जा रही है जिससे आम आदमी इलाज कराने में असमर्थ हो रहा है।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन सीरप से एक भी मौत नहीं हुई है। विपक्ष बेवजह माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया है। सरकार पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रही है।

सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट सपा विधायक और भड़क गए और चर्चा की मांग पर अड़े रहे। स्थिति को संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और यदि वे संतुष्ट नहीं होंगे तो चर्चा कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विधायक अपनी सीटों पर नहीं लौटे तो उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी। अध्यक्ष के आग्रह के बाद विधायक अपनी-अपनी सीटों पर लौटे और तब जाकर प्रश्नकाल शुरू हो सका।
हंगामे के बीच विधानसभा का कामकाज आगे बढ़ा। प्रश्नकाल के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 2025-26 का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश करेंगे जिसका आकार 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।इसके अलावा सदन में आठ विधेयक भी पेश किए जाएंगे और ‘वंदे मातरम्’ पर विस्तृत चर्चा प्रस्तावित है।






