लखनऊ, 22 दिसंबर 2025:
UP विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे और तीखे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के साथ हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी रैकेट समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सपा विधायकों ने इस मामले पर तत्काल चर्चा की मांग की लेकिन अनुमति न मिलने पर वे वेल में उतर आए और नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कफ सिरप मामले पर सपा के आरोपों का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोडीनयुक्त कफ सिरप से अब तक उत्तर प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उम्र के चौथे पड़ाव में व्यक्ति सच बोलता है, लेकिन समाजवादी पार्टी उनसे इस उम्र में भी झूठ बुलवा रही है। उन्हें सच बोलने की आदत डालनी चाहिए।

सीएम योगी ने आरोप लगाया कि कफ सिरप से जुड़े आरोपी को वर्ष 2016 में लाइसेंस समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि देश में दो नमूने हैं। एक दिल्ली में और दूसरा लखनऊ में बैठा है। मुख्यमंत्री के अनुसार देश में कोडीनयुक्त कफ सिरप का पहला होलसेलर 2016 में पकड़ा गया था। उसे सपा सरकार के समय लाइसेंस मिला था जिसके फोटो और दस्तावेज मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि इस मामले में अब तक 79 अभियोग दर्ज किए जा चुके हैं। 225 लोगों को नामजद किया गया है। 78 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और 134 स्थानों पर छापेमारी की गई है। उन्होंने दावा किया कि जांच कहीं न कहीं घूम-फिरकर समाजवादी पार्टी तक ही पहुंचती है। सपा युवा वाहिनी से जुड़े एक नेता के खाते से संदिग्ध लेन-देन होने की बात भी उन्होंने कही।

अखिलेश यादव द्वारा बुलडोजर एक्शन की चुनौती पर पलटवार करते हुए सीएम योगी ने कहा… चिंता मत कीजिए, समय आने पर बुलडोजर कार्रवाई भी होगी, उस समय चिल्लाना नहीं। उनके इस बयान के बाद सदन में विपक्ष का हंगामा और तेज हो गया।
इससे पहले सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार माफियाओं के साथ खड़ी है। विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि इस कांड में इतने बड़े लोग शामिल हैं जिन तक सरकार के हाथ नहीं पहुंच रहे। उन्होंने बरामद कफ सिरप के जखीरे और 18 महीने बाद भी जांच के ठोस नतीजे न आने पर सवाल उठाए।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कफ सिरप से यूपी में एक भी मौत नहीं हुई है और विपक्ष जानबूझकर माहौल खराब कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्थिति को संभालते हुए कहा कि यदि वे सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होंगे तो चर्चा कराई जाएगी। चेतावनी के बाद सपा विधायक अपनी-अपनी सीटों पर लौटे लेकिन सदन का माहौल गर्म बना रहा।






