लखनऊ, 22 दिसंबर 2025:
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे और तीखे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के साथ हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी रैकेट सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी और विरोध के बीच दोनों सदनों में सरकार ने लगभग 24 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।
विधानसभा में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार का मूल बजट 8 लाख 8 हजार करोड़ रुपये का था। इसके अतिरिक्त 24 हजार 496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाया गया है। यह मूल बजट का करीब 3.3 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह बजट विकास कार्यों को गति देने और प्राथमिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

इसके साथ विधान परिषद में भी अनुपूरक बजट पेश किया गया। परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने बजट का ब्यौरा रखते हुए बताया कि इसमें राजस्व लेखा के अंतर्गत 18 हजार 379.30 करोड़ रुपये तथा पूंजी लेखा के तहत 6 हजार 127.68 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अनुपूरक बजट में औद्योगिक विकास, ऊर्जा क्षेत्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर विकास, तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, चिकित्सा शिक्षा तथा गन्ना एवं चीनी मिल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है।
सत्र के दौरान विपक्ष ने कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी रैकेट का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस विषय पर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उत्तर प्रदेश में संबंधित सिरप से किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
खन्ना ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने और सदन के मंच का अनुचित इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। हंगामे के बावजूद सरकार ने स्पष्ट किया कि अनुपूरक बजट के जरिए विकास योजनाओं को मजबूती देने और राज्य की आर्थिक गति को बनाए रखने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया है।






