लखनऊ, 22 दिसंबर 2025:
प्रदेश सरकार ने सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए अनुपूरक बजट में पर्यटन, कला और संस्कृति के विकास को नई गति देने के लिए कई अहम प्रस्ताव रखे हैं। वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तुति के दौरान स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य न केवल धार्मिक और पर्यटन स्थलों का विकास करना है, बल्कि इसके माध्यम से स्थानीय रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करना है।
इस बजट में ईको टूरिज्म के विस्तार को विशेष प्राथमिकता दी गई है। उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड को प्राकृतिक स्थलों, वन क्षेत्रों और ग्रामीण पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं के विकास के लिए एक करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा ईको टूरिज्म के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए 10 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। पर्यटन, यात्री सुविधाओं और संस्थागत विकास से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग भी बजट में शामिल है।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्री सोरों तीर्थ (कासगंज), श्री कल्कि धाम (संभल) सहित अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान प्रस्तावित किया गया है। इस राशि से सड़कों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्र, शौचालय, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
प्रदेश के जनपद और ब्लॉक मुख्यालयों पर हेलीपैड सुविधाओं के विकास के लिए भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे आपात सेवाओं के साथ-साथ पर्यटन को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।
कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए लोक कलाकारों को वाद्ययंत्रों की खरीद हेतु 5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों के रख-रखाव के लिए प्रतीकात्मक रूप से एक लाख रुपये और संग्रहालयों के संरक्षण व क्यूरेशन के लिए भी एक लाख रुपये की मांग की गई है।
राज्य पुरातत्व निदेशालय, छतर मंजिल लखनऊ के रेस्टोरेशन के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार का मानना है कि ये प्रयास प्रदेश में पर्यटन और ईको टूरिज्म को नया आयाम देंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।





