प्रयागराज, 23 दिसंबर 2025:
संगम तट पर 3 जनवरी से शुरू होने वाले विश्वप्रसिद्ध माघ मेले में इस बार आस्था का सैलाब अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ने वाला है। अनुमान है कि 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम के पावन तट पर पुण्य स्नान के लिए पहुंचेंगे। इतनी विशाल संख्या में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और माघ मेला प्रशासन से जुड़ी सभी सहयोगी एजेंसियों ने सुरक्षा और प्रबंधन का विस्तृत रोडमैप को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
न्यू कैंट स्थित सदर के कोबरा ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सिंपोजियम और टेबलटॉप एक्सरसाइज मंगलवार को संपन्न हुई। इस दौरान भीड़ प्रबंधन, आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने, अग्नि सुरक्षा, जल सुरक्षा और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय जैसे अहम मुद्दों पर गहन मंथन किया गया। इस संवाद के दौरान प्राप्त अनुभवों और निष्कर्षों को अब वास्तविक परिस्थितियों में लागू करने की तैयारी की जा रही है।

यूपी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) योगेंद्र डिमरी ने स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजन में सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल ही सफलता की कुंजी है। भीड़ प्रबंधन के लिए होल्डिंग एरिया, प्रमुख चौराहों की क्षमता और भीड़ की गतिशीलता पर लगातार नजर रखनी होगी। साथ ही संभावित जोखिम कारकों की पहचान कर सबसे कमजोर कड़ी को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
डिमरी ने कहा कि अक्सर हम अपनी तैयारियों और ताकत पर तो ध्यान देते हैं लेकिन सीमाओं और कमजोर बिंदुओं को नजरअंदाज कर देते हैं। माघ मेले जैसे आयोजन में इन्हीं कमजोर कड़ियों पर काम करना सबसे अधिक जरूरी है। सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद अब मॉक ड्रिल और फील्ड एक्सरसाइज के जरिए तैयारियों को परखा जाएगा।

प्रयागराज की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बताया कि इन तैयारियों की मॉक ड्रिल 27 दिसंबर से शुरू की जाएगी। इसमें विशेष रूप से अग्निशमन व्यवस्था, जल सुरक्षा, आपातकालीन निकासी और त्वरित राहत कार्यों का अभ्यास किया जाएगा। प्रशासन का दावा है कि इन अभ्यासों के जरिए किसी भी आपदा या अप्रत्याशित स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की पूरी तैयारी की जाएगी, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और निर्बाध रूप से आस्था के इस महा समागम में शामिल हो सकें।






