लखनऊ, 25 दिसंबर 2025:
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर लखनऊ राष्ट्रभावना के रंग में रंगा नजर आया। हरदोई रोड स्थित बसंतकुंज योजना में नवनिर्मित ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ के भव्य लोकार्पण समारोह में गुरुवार को देश के रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष अभिनंदन करते हुए कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की जो पहचान बनी है, वह हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।

कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की जय के उद्घोष के साथ हुई। राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वह एकमात्र वैश्विक नेता हैं जिन्हें अब तक 29 देशों के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य न केवल प्रधानमंत्री के नेतृत्व की स्वीकृति है बल्कि भारत की नई छवि का प्रतीक भी है।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए राजनाथ सिंह भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि एक दशक में भारत ने जो प्रगति की है, वह अटल जी की विचारधारा, उनके सपनों और हमारे प्रधानमंत्री के संकल्प का परिणाम है। महापुरुषों का सम्मान और उनकी विरासत का स्मरण, यही पीएम मोदी का एक मंत्र है। उन्होंने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा आज देश की विकास गति का पथप्रदर्शक है।

राजनाथ सिंह ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि महंगाई दर एक फीसदी से भी नीचे पहुंच चुकी है। भारत की विकास दर 8 प्रतिशत से अधिक दर्ज की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया यह देखने लगी है कि भारत क्या कह रहा है और किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। दुनिया भारत को सुन रही है, समझ रही है और स्वीकार कर रही है।
ग्रामीण और गरीब हितैषी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मनरेगा में सुधार के अंतर्गत ‘विकसित भारत जी रामजी’ नाम से नया विधेयक संसद से पारित हुआ है। इसके तहत अब 100 की जगह 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित होगा और गांवों में स्थाई काम बढ़ेगा। रक्षा मंत्री ने इस राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को भी बधाई दी।
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने अटल जी से जुड़ा एक प्रसंग सुनाया जिसमें पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनके विनोदी स्वभाव की झलक दिखाई देती है। यह कथा सुनकर सभागार में मौजूद हजारों लोग तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठे।






