योगेंद्र मलिक
देहरादून, 29 दिसंबर 2025:
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर रेंजर्स ग्राउंड देहरादून में आयोजित सहकारिता मेले का समापन समारोह हुआ। कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेवानिवृत्त मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। राज्यपाल ने मेले में लगे विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया और उपस्थित लोगों को सहकारिता के असली मायने बताए।
राज्यपाल ने कहा कि सहकारिता का मतलब है मिलकर काम करना। जहां मैं खत्म होता है, वहीं से हम की शुरुआत होती है और यही सहकारिता की असली भावना है। उन्होंने कहा कि सहकारिता हमारे देश के जीवन और संस्कृति का हिस्सा रही है। गांवों की ग्रामसभा, पंचायत व्यवस्था, सामूहिक तालाब, मंदिर और स्कूलों का निर्माण इसका उदाहरण है।
राज्यपाल ने कहा कि सहकारिता सिर्फ उत्पादन और वितरण तक सीमित नहीं है। यह गरीबी कम करने, महिलाओं को बराबरी का हक देने, रोजगार बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे अहम लक्ष्यों में भी अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। महिला स्वयं सहायता समूह आज परिवार की आर्थिक मजबूती के साथ उद्यमिता में भी आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि उत्तराखंड की सहकारी समितियां सेना, आईटीबीपी और अन्य अर्धसैनिक बलों को खाद्यान्न, डेयरी और जरूरी सामान की आपूर्ति कर रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे सामूहिक प्रयासों से आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा और सहकारिता के जरिए समृद्धि आएगी, जिससे विकसित भारत 2047 का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
इस मौके पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत अब तक प्रदेश में 11 सहकारिता मेले आयोजित किए जा चुके हैं। इनमें तीन लाख से अधिक किसानों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सहकारी समितियों से 30 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं और सरकार का लक्ष्य इस संख्या को 50 लाख तक पहुंचाने का है। कार्यक्रम में सहकारिता निबंधक मेहरबान सिंह बिष्ट सहित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और सहकारी समितियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।






