लखनऊ, 30 दिसंबर 2025:
भारतीय सनातन परंपरा में कुछ व्रत ऐसे माने जाते हैं, जो केवल आस्था ही नहीं बल्कि जीवन की सबसे बडी कामनाओं से भी जुडे होते हैं। पौष मास की पुत्रदा एकादशी भी ऐसा ही एक पावन व्रत है, जिसे संतान सुख, परिवार की खुशहाली और जीवन में संतुलन के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और विधि से की गई पूजा से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
आज कब से कब तक है एकादशी?
पौष पुत्रदा एकादशी की तिथि आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट से शुरू हो चुकी है और इसका समापन कल सुबह 5 बजे होगा। ऐसे में कुछ श्रद्धालु आज व्रत रख रहे हैं, जबकि कुछ लोग उदया तिथि के अनुसार कल व्रत करेंगे। जो लोग आज व्रत रख रहे हैं, वे कल सुबह पारण करेंगे और जो लोग कल व्रत करेंगे, वे एक जनवरी 2026 की सुबह पारण करेंगे।
त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग
आज पौष पुत्रदा एकादशी पर त्रिपुष्कर योग का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अत्यंत शुभ माना गया है। यह योग आज सुबह 5 बजे से लेकर 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। करीब दो घंटे से अधिक समय तक रहने वाले इस योग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग से धन लाभ के संकेत
साल 2025 की अंतिम एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है। यह शुभ योग आज सुबह 3 बजकर 58 मिनट से लेकर 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से धन-संपन्नता और सुख-वैभव में वृद्धि होने की मान्यता है। https://thehohalla.com/the-special-position-of-saturn-and-moon-zodiac-effects/
रवि योग में दान का क्या है महत्व?
द्रिक पंचांग के अनुसार, आज पौष पुत्रदा एकादशी पर रवि योग भी बन रहा है। यह योग सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर 9 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस समय किया गया पुण्य कार्य कई गुना फल प्रदान करता है।






