योगेंद्र मलिक
देहरादून, 30 दिसंबर 2025:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रहा ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ कार्यक्रम उत्तराखंड में लोगों के लिए राहत का जरिया बनता जा रहा है। यह अभियान सिर्फ शिकायत सुनने तक सीमित नहीं है, बल्कि मौके पर ही समाधान देने का माध्यम भी बन रहा है।
राज्य के सभी 13 जिलों में अब तक 144 जनसेवा कैंप लगाए जा चुके हैं। इन कैंपों के जरिए 83,852 लोगों को सीधे लाभ पहुंचाया गया है। कैंपों में 13,900 से अधिक शिकायतें और आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 10,478 मामलों का निस्तारण तय समय के भीतर कर दिया गया है। इससे साफ है कि सरकार अब कागजी कार्रवाई से आगे बढ़कर जमीन पर फैसले कर रही है।
इन शिविरों में 14,920 प्रमाण पत्र मौके पर ही वितरित किए गए। साथ ही अलग-अलग सरकारी योजनाओं से 52,617 से ज्यादा लोगों को सीधा फायदा मिला है। बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगों और जरूरतमंद परिवारों को योजनाओं का लाभ बिना दफ्तरों के चक्कर लगाए मिल सका।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का साफ मकसद है कि लोगों को दफ्तरों में भटकना न पड़े। सरकार खुद जनता के पास जाकर उनकी समस्याएं सुने और उनका समाधान करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कैंपों में आने वाली हर शिकायत का समय पर और सही तरीके से निस्तारण हो। जो लोग किसी कारण से कैंप तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहां अधिकारी खुद जाकर उनकी समस्या का समाधान करें।
सरकार का मानना है कि इस अभियान से लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है और प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता आई है। ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अब उत्तराखंड में सीधे संवाद और नतीजा देने वाली शासन व्यवस्था की पहचान बनता जा रहा है।






