लखनऊ, 31 दिसंबर 2025:
यूपी के माध्यमिक स्कूलों में साल 2026 के लिए छुट्टियों और शिक्षण सत्र का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नए साल में स्कूलों में कुल 112 दिन अवकाश रहेंगे। इसमें गर्मी की छुट्टियां, रविवार और सार्वजनिक अवकाश शामिल हैं। वहीं, 15 दिन बोर्ड परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं। 238 दिन शिक्षण व नियमित कार्य होंगे।
नए कैलेंडर के मुताबिक साल का पहला अवकाश 3 जनवरी को हजरत अली के जन्म दिवस पर रहेगा। मार्च के महीने में होली के उपलक्ष्य में 2 और 4 मार्च को अवकाश घोषित किया गया है। त्योहारी सीजन में दिवाली के दौरान 8, 9 व 11 नवंबर को स्कूल बंद रहेंगे। साथ ही स्थानीय परंपराओं और परिस्थितियों के अनुसार डीएम की ओर जारी सूची के तहत स्थानीय अवकाश भी मान्य रहेंगे।

कैलेंडर के मुताबिक 21 मई से 30 जून तक ग्रीष्म अवकाश रहेगा। इस अवधि में सभी माध्यमिक विद्यालय बंद रहेंगे और शिक्षण-प्रशिक्षण की गतिविधियां पूरी तरह स्थगित रहेंगी। इसके अतिरिक्त प्रधानाचार्य को भी विशेष परिस्थितियों में तीन विवेकाधीन अवकाश देने का अधिकार होगा। इसकी सूचना विद्यालय के सूचना पट्ट पर लगाने के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को भी देनी होगी।
महिला शिक्षिकाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार कैलेंडर में विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं। विवाहित महिला शिक्षकों को करवा चौथ पर अवकाश दिया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र विशेष की परंपराओं के आधार पर हरितालिका तीज या हरियाली तीज, संकष्टी चतुर्थी, हलषष्ठी, ललई छठ, जिउतिया, अहोई अष्टमी आदि व्रतों पर किसी भी दो तिथियों पर अवकाश उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर स्वीकृत किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय पर्वों गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती पर विद्यालयों में अनिवार्य रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, विचार गोष्ठी और समारोह आयोजित किए जाएंगे। यदि किसी राष्ट्रीय या ऐतिहासिक दिवस पर अवकाश पड़ता है तो उससे अगले दिन संबंधित महापुरुष या क्रांतिकारी के सम्मान में कार्यक्रम किया जाएगा।

कैलेंडर में स्पष्ट किया गया है कि शोक सभा का आयोजन केवल विद्यालय से जुड़े किसी शिक्षक, कर्मचारी या छात्र-छात्रा के निधन पर ही किया जाएगा। इसके अलावा शेष दिनों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा। नई अधिसूचना के लागू होने के बाद शिक्षा विभाग का मानना है कि यह सत्र अधिक सुव्यवस्थित होने के साथ विद्यार्थियों के लिए अधिक उपयोगी समय भी साबित करेगा।






