
नई दिल्ली, 5 अप्रैल 2025
मणिपुर में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा को समाप्त करने की दिशा में आज एक अहम कदम उठाया जा रहा है। गृह मंत्रालय में आज मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक राज्य में स्थायी शांति बहाली की दिशा में सरकार की एक निर्णायक पहल मानी जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि पिछले चार महीनों से मणिपुर में कोई हिंसा नहीं हुई है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बाद हालात में काफी सुधार आया है।
9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। इसके बाद से अब तक दोनों समुदायों के बीच 13 बार बातचीत हो चुकी है। इस बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज की बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। बैठक में मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधि, गृह मंत्रालय के अधिकारी और खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में बताया कि दिसंबर से मार्च तक के बीच मणिपुर में कोई नई हिंसा की घटना नहीं हुई है। राहत शिविरों में लोगों को भोजन, दवाइयां और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सरकार की कोशिश है कि शांति की इस स्थिति को स्थायी रूप से कायम रखा जाए और दोनों समुदायों के बीच संवाद और विश्वास को बढ़ाया जाए।
गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई थी और कई आपत्तिजनक वीडियो सामने आए थे। अब सरकार की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, जिससे एक स्थायी समाधान की राह खुल सकती है।






