
मयंक चावला
आगरा, 21 जुलाई 2025:
यूपी के आगरा जिले में सगी बहनों के धर्मांतरण मामले में खोजबीन में लगी पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ रहमान चचा को दिल्ली से धर दबोचा। नार्थ ईस्ट दिल्ली के दयालपुर में उसके ठिकाने से रोहतक हरियाणा की युवती भी मिली है। 35 साल पहले महेंद्र पाल से अब्दुल रहमान बना रहमान चचा अपने साथी कलीम को उम्रकैद मिलने के बाद गिरोह की बागडोर संभाली रखी थी।
बता दें, 19 जुलाई को आगरा पुलिस ने भारत में धर्मांतरण के लिए 6 देशों से होने वाली फंडिंग और कई राज्यों तक फैले इस नेटवर्क से पर्दा उठाया था। इसमें एक लड़की समेत 10 लोगों की अरेस्टिंग हुई थी। आगरा में रहने वाली दो सगी बहनें भी इस गिरोह के चंगुल से आजाद कराईं थीं। इसके बाद पुलिस गैंग के मास्टरमाइंड को तलाश कर रही थी, आखिरकार दिल्ली से अब्दुल रहमान उर्फ रहमान चचा को पकड़ने में कामयाबी मिल गई।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला महेंद्र पाल ही धर्मांतरण कर 1990 में अब्दुल रहमान बन गया। अब्दुल का एक खास साथी कलीम सिद्दीकी को एटीएस द्वारा 2021 में गिरफ्तार किया गया था। जिसे 3 साल बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी। कलीम को सजा मिलने के बाद गिरोह की बागडोर रहमान ने संभाली। उसे उसकी दुनिया के लोग रहमान चचा कहकर संबोधित करते थे।
नार्थ ईस्ट दिल्ली के दयालनगर से पकड़े गए अब्दुल के ठिकाने से रोहतक (हरियाणा) की एक लड़की को भी छुड़ाया गया है। उस लड़की का भी धर्मांतरण होना था। इसके बारे में पता किया गया तो रोहतक में गुमशुदगी दर्ज मिली। अब्दुल के घर से कई किताबें मिली हैं जो धर्मांतरण के मकसद से ब्रेनवॉश का काम करती थी। इसमें कई किताबों पर अब्दुल रहमान और उसके साथी कलीम के नाम लेखक के रूप में दर्ज है। इन किताबों के शीर्षक ईश्वर और सृष्टि श्रेष्ठ कौन, धर्म परिवर्तन, रिटर्निंग योर ट्रस्ट,आतंकवाद और इस्लाम और आपकी अमानत आपकी सेवा में मुख पृष्ठ पर लिखे मिले। अब्दुल की पत्नी व दो बहुएं भी धर्मांतरण के बाद मुस्लिम बनीं हैं। उसका भतीजा लंदन में रहकर फंडिंग को री-रूट करता था। कमिश्नर ने बताया कि जांच एजेंसी एटीएस से मिलकर सारे इनपुट साझा कर आगे की कार्रवाई होगी।