
आगरा, 5 अगस्त 2025:
अवैध धर्मांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान को पूछताछ के बाद आगरा पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस कस्टडी रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए। रहमान को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया गया था।
आगरा पुलिस ने 18 जुलाई को दो बहनों को कोलकाता के मुस्लिम बहुल तपसिया इलाके से मुक्त कराया था। दोनों बहनें गत 24 मार्च को आगरा के सदर क्षेत्र से लापता हुई थीं। मामले की गहराई से जांच के बाद पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें से 10 को 18 जुलाई और सरगना अब्दुल रहमान को 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में सामने आया कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के जेल जाने के बाद अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह धर्मांतरण गिरोह का प्रमुख चेहरा था। वह देश-विदेश से आने वाली फंडिंग को धर्मांतरण करने वालों को देता था। इह काम में आयशा उर्फ एसबी कृष्णा की भूमिका अहम थी, जिसने आगरा की दो बहनों को दिल्ली से कोलकाता भेजने की व्यवस्था की थी। उसके घर में बरेली, देहरादून और हरियाणा की युवतियां भी रह चुकी थीं।
जांच एजेंसियों को पूछताछ में जानकारी मिली है कि अब्दुल रहमान जैसे कई अन्य बड़े चेहरे महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में सक्रिय हैं। ये गिरोह सामूहिक अवैध धर्मांतरण की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। जांच एजेंसियां अब्दुल रहमान से इन चेहरों और उनके नेटवर्क के पीछे छिपे मास्टरमाइंड का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।






