
मयंक चावला
आगरा, 8 सितंबर 2025 :
यूपी के आगरा जिले में यमुना अपने रौद्र रूप का लगातार विस्तार कर रही है। किनारों को जाने कब लांघ चुकी यमुना नदी का पानी सिकंदरा के कैलाश मंदिर के गर्भग्रह के साथ बाजार और बस्तियों तक आ गई है। आम जनजीवन पटरी से उतर चुका है। नागरिक रोजमर्रा के कामों के लिए 24 घण्टे जूझ रहे हैं।

यमुना नदी ने आगरा के तटवर्ती इलाकों में हलचल मचा दी है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 5 फुट ऊपर बह रहा है। जिसके कारण निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। यमुना का पानी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखने वाले सिकंदरा क्षेत्र के कैलाश मंदिर के गर्भगृह तक पहुंच गया है। यह मंदिर आगरा में यमुना के तट पर स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। सामान्य दिनों में मंदिर का परिसर श्रद्धालुओं से भरा रहता है, लेकिन इस बार पानी के प्रवेश ने स्थिति को और भी असामान्य बना दिया है। मंदिर के गर्भगृह में पानी भरने के बावजूद, श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है।

कैलाश मंदिर के आसपास बसे इलाको में घर रास्ते सब जगह पानी ने दस्तक दे दी है। कोई छत पर बैठा दिखाई दिया। घर मे पानी घुसने से रोकने की सारी कोशिश नाकाम साबित हुई तो लोगों में उसी हालत में दिन रात गुजारने के फैसला लेकर काम चला रहे हैं। इसी तरह दयालबाग, अमर विहार कॉलोनी, अनुपम बाग जमुना के तट से लगी हुई कई कॉलोनी में पानी आ चुका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में यमुना का जलस्तर इतनी तेजी से नहीं बढ़ा था, और इस बार की स्थिति ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। एक स्थानीय निवासी रामकिशोर ने बताया, “हमारा घर नदी के पास है, और अब पानी हमारे आंगन तक आ गया है। रात को सोना भी मुश्किल हो रहा है।”

प्रशासन ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया है। लोगों से नदी के किनारे न जाने और सावधानी बरतने की अपील की गई है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं, और जरूरतमंदों को भोजन और अन्य सामग्री वितरित की जा रही है।






