
नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025
एम्स के महिला डॉक्टरों के छात्रावास में हुई चोरी की जांच में दिल्ली पुलिस को 43 वर्षीय एक महिला मिली है जो सोने के लालच का विरोध नहीं कर सकती और पहले भी कई आभूषण चोरी कर चुकी है। गाजियाबाद में रहने वाली आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा के साथ विज्ञान स्नातक है। उसने कहा है कि उसे आभूषण बहुत पसंद थे, लेकिन कभी भी उन्हें खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। इसलिए उसने आभूषण चोरी करना शुरू कर दिया।
27 मार्च को एम्स की एक महिला डॉक्टर ने अपने कमरे में चोरी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। उसने पुलिस को बताया कि उसके कमरे से दो सोने की चेन, एक सोने की अंगूठी, एक जोड़ी सोने की बालियाँ, एक सोने का कंगन, 4,500 रुपये नकद और 522 मलेशियाई रिंगिट (लगभग 10,000 रुपये) गायब हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अपनी जांच के हिस्से के रूप में, पुलिस ने एम्स अस्पताल परिसर में लगभग 100 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। उन्होंने हॉस्टल के गलियारों में एक संदिग्ध महिला को देखा, जब अधिकांश डॉक्टर काम पर चले गए थे। महिला ने डॉक्टर का कोट पहना हुआ था और वह कई कमरों को खोलने की कोशिश करती हुई देखी गई। एक अन्य सीसीटीवी ने उसे स्कूटर पर एम्स परिसर में आते और जाते हुए कैद किया। पुलिस ने स्कूटर को ट्रैक किया और उसका रजिस्ट्रेशन नंबर नोट करने में कामयाब रही। इस नंबर को गाजियाबाद के बृज विहार के एक पते पर ट्रैक किया गया और महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे आभूषण पहनने का शौक था और इसी वजह से वह अपराध की राह पर चल पड़ी। आरोपी ने बताया कि वह एक निजी अस्पताल में लैब असिस्टेंट के तौर पर काम कर चुकी है। एम्स में आने के दौरान उसने पाया कि महिला डॉक्टर काम पर जाते समय अपने कमरे बंद नहीं करती हैं। उसने डॉक्टर का कोट इसलिए पहना ताकि सुरक्षा गार्ड घबरा न जाएं और कमरे से चोरी न कर लें।






