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अरावली नहीं बची तो दिल्ली-एनसीआर का भविष्य खतरे में… अखिलेश यादव ने किया बड़े संकट से आगाह

सपा मुखिया ने एक लंबे और भावनात्मक पोस्ट में पर्वतमाला को दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए बताया प्राकृतिक सुरक्षा कवच, बचाने के लिए सामूहिक संकल्प लेने की अपील, भाजपा पर साधा निशाना

लखनऊ, 21 दिसंबर 2025:

सपा मुखिया एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अरावली पर्वतमाला को बचाने की बेहद गंभीर अपील के साथ भाजपा पर निशाना साधा। रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किए गए एक लंबे और भावनात्मक पोस्ट में उन्होंने दिल्ली और एनसीआर के लोगों से अरावली को बचाने के लिए सामूहिक संकल्प लेने की अपील की। उनका यह संदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा और पर्यावरण को लेकर एक नई बहस छेड़ चुका है।

अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि अरावली को बचाना कोई विकल्प नहीं बल्कि संकल्प होना चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में चेताया कि अगर अरावली पर्वतमाला का संरक्षण नहीं हुआ तो दिल्ली और एनसीआर का भविष्य गंभीर खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने लिखा… मत भूलिए कि अरावली बचेगी तो ही एनसीआर बचेगा। यह दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए प्राकृतिक सुरक्षा कवच है।

सपा प्रमुख ने अरावली के पर्यावरणीय महत्व को विस्तार से रेखांकित करते हुए कहा कि यही पर्वतमाला दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने, बारिश और जल-संरक्षण में अहम भूमिका निभाने के साथ-साथ एनसीआर की जैव विविधता को बचाए हुए है। उनके अनुसार जो वेटलैंड्स धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं, उन्हें बचाने की ताकत अरावली में ही है। यही नहीं, अरावली गुम होते पक्षियों को वापस बुला सकती है। क्षेत्र के तापमान को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अखिलेश ने अरावली को केवल पर्यावरणीय ही नहीं, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी अभिन्न हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि अरावली से दिल्ली का एक भावनात्मक रिश्ता है। इसका संरक्षण दरअसल दिल्ली के भविष्य को सुरक्षित करने जैसा है। उन्होंने चेताया कि अगर अरावली का विनाश जारी रहा तो दिल्ली के लोग स्मॉग जैसे जानलेवा हालात से कभी बाहर नहीं आ पाएंगे। इसका सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों पर पड़ रहा है और विश्व प्रसिद्ध अस्पतालों व मेडिकल सर्विस सेक्टर तक पर इसका बुरा प्रभाव दिखने लगा है।

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि यदि प्रदूषण की समस्या यूं ही बढ़ती रही तो दिल्ली उत्तर भारत के सबसे बड़े बाजार और आर्थिक केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान खो सकती है। न देशी-विदेशी पर्यटक आएंगे, न बड़े सांस्कृतिक, शैक्षिक या खेल आयोजन हो पाएंगे। होटल, रेस्तरां, टैक्सी-कैब, हैंडीक्राफ्ट और अन्य छोटे-बड़े व्यवसाय ठप होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अवैध खनन को वैध बनाने और जमीन की बेइंतहा भूख के चलते अरावली को नष्ट करने की साजिश कर रही है। अखिलेश यादव ने हर नागरिक, स्कूल, व्यापारी, मीडिया संस्थानों और सामाजिक संगठनों से ‘अरावली बचाओ’ अभियान का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा कि अरावली को बचाना मतलब खुद को बचाना है। अंत में उन्होंने जनता से भाजपा की गंदी राजनीति को जनमत की ताकत से हराने का आह्वान भी किया।

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