
लखनऊ, 26 जून 2025:
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर पलटवार किया। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा था कि संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात है।
इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता की सोच समाज को जोड़ने वाली ताकतें हैं। इन मूल्यों का विरोध करने वाले लोग ही असल में सांप्रदायिक होते हैं। अखिलेश ने कहा कि “जो लोग संविधान की शपथ लेते हैं, उनमें निष्ठा की कमी साफ दिखाई देती है। जो सोशलिस्टों के खिलाफ हैं, वही सेक्युलर मूल्यों के भी विरोधी हैं।”
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “सोशलिस्ट और सेक्युलर होने के लिए बड़ा दिल चाहिए, इसलिए ‘हार्टलेस’ लोग इसका हमेशा विरोध करते हैं।” अखिलेश ने एक बार फिर भाजपा को ‘PDA’ विरोधी बताते हुए कहा कि सपा इन वर्गों की पीड़ा को साझा करने वाले लोगों की पार्टी है।
इस मौके पर सपा प्रमुख ने घोषणा की कि 26 जुलाई को सपा प्रदेशभर में “संविधान मान स्तंभ दिवस” के रूप में “आरक्षण दिवस” मनाएगी। अखिलेश यादव ने छत्रपति शाहू जी महाराज की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “हम संकल्प लेते हैं कि डॉ. अंबेडकर, डॉ. लोहिया और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के दिखाए रास्ते पर चलकर सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए संघर्ष करते रहेंगे।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामलों को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि “सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि दलितों पर सबसे ज्यादा उत्पीड़न उत्तर प्रदेश में हो रहा है।”
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने बिहार के नेता तेजस्वी यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को समर्थन देने की बात दोहराई। उन्होंने शुभांशु शुक्ला और उनके परिवार को भी बधाई देते हुए उनके मिशन की सफलता की कामना की और कहा कि वे भारत का नाम रोशन करें।






