प्रयागराज, 18 अप्रैल 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ही मामले में दो बार याचिका दायर करने और कोर्ट को गलत तथ्यों से गुमराह करने के आरोप में याचिकाकर्ता रवीन्द्र कुमार सिंह पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इसे न्यायिक व्यवस्था का अपमान मानते हुए कड़ी टिप्पणी की और जिलाधिकारी जौनपुर को चार सप्ताह के भीतर यह जुर्माना वसूल कर अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है।
मामला गांव सभा की ज़मीन से जुड़े कथित घोटाले से जुड़ा है, जिसमें याची ने पहले एक याचिका दायर की थी और बाद में वही तथ्य दोहराते हुए दूसरी याचिका दाखिल कर दी। जब अदालत ने याची से हलफनामा मांगा, तो उसने पहली याचिका वापस ले ली थी। इसके बावजूद, बाद में उन्हीं तथ्यों के साथ दोबारा याचिका दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने कपटपूर्ण कृत्य बताया।
न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की एकल पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया का दुरुपयोग है। कोर्ट ने कहा कि एक ही मामले में दो बार याचिका दायर करना नियमों के विरुद्ध है, जब तक कि उसमें कोई नया तथ्य न जोड़ा गया हो। ऐसा करना न केवल न्यायिक समय की बर्बादी है, बल्कि अदालत की गरिमा का भी हनन है।
अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की प्रवृत्तियों पर सख्त रुख अपनाना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई याचिकाकर्ता कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश न करे। यह फैसला न्यायिक प्रणाली की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
यह मामला एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है कि कोर्ट अब झूठी या भ्रामक याचिकाओं को लेकर ज्यादा सख्त रवैया अपना रहा है।