नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर चल रहे भाषा विवाद को लेकर कटाक्ष किया और कहा कि वह यह देखकर हैरान हैं कि तमिलनाडु के मंत्रियों से प्राप्त किसी भी पत्र पर तमिल भाषा में हस्ताक्षर नहीं हैं।रामेश्वरम में नए पंबम ब्रिज का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को संबोधित किया और दावा किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि तमिल भाषा और तमिल विरासत दुनिया के हर कोने तक पहुंचे। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि तमिल भाषा और तमिल विरासत दुनिया के हर कोने तक पहुंचे। कभी-कभी, मुझे आश्चर्य होता है जब मुझे तमिलनाडु के कुछ नेताओं से पत्र मिलते हैं; उनमें से किसी पर भी तमिल भाषा में हस्ताक्षर नहीं होते हैं। यदि आपको तमिल पर गर्व है, तो मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि कम से कम अपने नाम पर तमिल में हस्ताक्षर करें।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तावित त्रि-भाषा फॉर्मूले को लेकर एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच टकराव के बीच पीएम मोदी की टिप्पणी आई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार से तमिल भाषा में मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं तमिलनाडु सरकार से तमिल भाषा में मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह करूंगा ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर सकें। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हमारे देश के युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए विदेश न जाना पड़े। पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु को 11 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।”