
मुंबई, 31 मई 2025
महाराष्ट्र में एटीएस ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए चंद पैसों के लिए देश के साथ गद्दारी कर रहे 27 वर्षीय इंजीनियर को ठाणे से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार इंजीनियर देश के युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को रेखाचित्रों, आरेखों और ऑडियो नोट्स के माध्यम भेजता था जिसके बदले उसे पैसे मिल रहे थे।
जानकारी अनुसार कलवा निवासी 27 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर रविन्द्र वर्मा को महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, फेसबुक पर महिला बनकर आए एक पाकिस्तानी एजेंट ने उसे हनीट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारी देने का लालच दिया था। पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जांच के दौरान यह बात सामने आई कि वर्मा ने जानबूझकर कई बार संवेदनशील जानकारी साझा की। जानकारी के बदले में उसे भारत और विदेश के विभिन्न बैंक खातों से धन प्राप्त हुआ।’’ रविन्द्र वर्मा ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को विभिन्न युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में जानकारी साझा की थी। इंजीनियर रविन्द्र वर्मा एक रक्षा प्रौद्योगिकी फर्म में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करते थे और अपने काम के कारण उन्हें दक्षिण मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड तक पहुंच प्राप्त थी। उन्होंने बताया कि वह नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों पर भी जाते थे।
अधिकारी ने बताया, “नौसेना डॉकयार्ड के दौरे के दौरान उसे अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए वहां अपना काम खत्म करने के बाद वह युद्धपोतों और पनडुब्बियों के बारे में स्केच या आरेख बनाकर संवेदनशील जानकारी साझा करता था। कभी-कभी वह ऑडियो नोट्स के जरिए भी जानकारी साझा करता था।” उन्होंने बताया कि एटीएस को संदेह है कि उसने पाकिस्तानी एजेंट को पनडुब्बियों और युद्धपोतों के नाम भी बताए थे। उन्होंने बताया कि वर्मा नवंबर 2024 से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था। उन्हें 2024 में फेसबुक पर पायल शर्मा और इसप्रीत नाम के अकाउंट वाले उपयोगकर्ताओं से मित्रता अनुरोध प्राप्त हुए थे, जिन्हें उन्होंने स्वीकार कर लिया था। उन्होंने बताया कि उनसे बातचीत करते समय, खुद को महिला बताने वाले इन दोनों अकाउंट उपयोगकर्ताओं ने शुरू में बताया कि वे भारत से हैं और एक परियोजना पर काम कर रही हैं जिसके लिए युद्धपोतों के बारे में जानकारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कुछ बातचीत के बाद उन्होंने उसे जाल में फंसा लिया और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि वर्मा सभी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी गुर्गों के साथ साझा करता था। उन्होंने कहा, “उसे अच्छी तरह पता था कि वह क्या कर रहा है और किसे संवेदनशील जानकारी दे रहा है। जानकारी देने के बदले उसे पैसे मिल रहे थे।” फिलहाल मामले में अदालत ने उसे सोमवार तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है।