
रांची, 27 अप्रैल 2025
देशभर में हाई अलर्ट के बीच झारखंड आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने धनबाद से एक महिला समेत चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान गुलफाम हसन, अयान जावेद, शहजाद आलम और शबनम परवीन के रूप में हुई है। एटीएस के मुताबिक ये संदिग्ध हिज्ब-उत-तहरीर, एक्यूआईएस (अलकायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट) और आईएसआईएस जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े थे।
एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की और दो पिस्तौल, 12 कारतूस, मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित बड़ी मात्रा में साहित्य बरामद किया। इस अभियान ने क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका दिया।
अधिकारियों के अनुसार, गिरफ़्तारी शनिवार को की गई और एटीएस ने पुष्टि की है कि संदिग्ध अवैध हथियारों के व्यापार और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। जांच में पता चला है कि संदिग्ध हिज़्ब-उत-तहरीर से जुड़े थे, जिसे इसकी अवैध गतिविधियों के कारण 10 अक्टूबर 2024 को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। गौरतलब है कि देश में यह पहला मामला है, जब प्रतिबंध के बाद हिज़्ब-उत-तहरीर से जुड़े लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।
एटीएस की यह कार्रवाई एजेंसी के लिए एक बड़ी सफलता है, जो देश भर में सुरक्षा बलों की आतंकवादी संगठनों और उनकी गतिविधियों पर नकेल कसने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित हथियारों और साहित्य की बरामदगी से पता चलता है कि संदिग्ध सक्रिय रूप से आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल थे।
एटीएस ने बताया है कि संदिग्ध प्रतिबंधित संगठनों की विचारधारा को फैलाने में शामिल थे और नए सदस्यों की भर्ती में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। एजेंसी अब संदिग्धों के पीछे के मास्टरमाइंड की पहचान करने और क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को उजागर करने के लिए काम कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, जांच जारी है और एटीएस संदिग्धों के खिलाफ और सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है। एजेंसी संदिग्धों से बरामद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और साहित्य का भी विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि प्रतिबंधित संगठनों के साथ उनकी कितनी संलिप्तता है।
एटीएस ने लोगों से जांच में सहयोग करने और आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसने में मददगार कोई भी जानकारी देने की अपील की है। एजेंसी ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी होगी और दोषी पाए जाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।






