
अयोध्या, 12 मई 2025:
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर रामनगरी अयोध्या एक बार फिर आस्था, भक्ति और संस्कृति की अद्वितीय मिसाल बनेगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में इस दिन 14 देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन केवल मूर्तियों की स्थापना का नहीं, बल्कि राष्ट्र की आध्यात्मिक चेतना को पुनः जाग्रत करने का प्रयास होगा।
तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 3 जून से
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के तत्वावधान में 3 से 5 जून तक तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित किया जाएगा। हालांकि पूजन और अनुष्ठान की शुरुआत 30 मई से शुरू होगी। 30 मई को परकोटा के शिव मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन शिव वास की उपस्थिति के कारण यह विशेष अनुष्ठान संपन्न होगा।
101 आचार्यों द्वारा संपन्न होगा अनुष्ठान
काशी और अयोध्या के 101 विद्वान आचार्य इस सात दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान की अगुवाई करेंगे। इसमें पंचांग पूजन, वेदी पूजन, यज्ञ मंडप पूजन, अग्नि स्थापना, जल यात्रा, जलाधिवास, औषधिवास आदि शामिल होंगे। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार, वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का पाठ, चारों वेदों का पाठ किया जाएगा।
इन मंदिरों में होगी प्राण प्रतिष्ठा
-परकोटा के छह मंदिरों में भगवान शिव, सूर्य, गणपति, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा।
-सप्त मंडपम के सात मंदिरों में महर्षि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज।
-शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण की मूर्ति और चार फुट ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा।
राम मंदिर के प्रथम तल पर लगाए गए 14 दरवाजे
राम मंदिर के प्रथम तल पर दरवाजे लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। कुल 14 दरवाजे प्रथम तल पर लगाए गए हैं, जिनमें से गर्भगृह का दरवाजा स्वर्ण मंडित है। अन्य दरवाजों को स्वर्ण मंडित करने पर भी विचार चल रहा है। राम मंदिर परिसर और परकोटा में 100 से अधिक दरवाजे लगाए जाएंगे, जिनमें लकड़ी और लोहे दोनों के दरवाजे शामिल होंगे।






