अयोध्या, 20 दिसंबर 2025:
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या स्थित राम मंदिर में पूजा-पाठ और दर्शन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 70 नए पुजारियों की भर्ती करने का फैसला लिया है। नए पुजारी मौजूदा 20 पुजारियों के साथ मिलकर रामलला, राम दरबार और परकोटे में बने मंदिरों में नियमित पूजा-अर्चना करेंगे।
राम मंदिर में पहले चरण का निर्माण पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। जून 2025 में शेषावतार और परकोटे के छह मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब इन मंदिरों को भी नियमित रूप से खोलने की तैयारी है, लेकिन सभी मंदिरों के पट दिनभर खुले रखने के लिए पुजारियों की संख्या कम पड़ रही थी। इसी को देखते हुए 13 दिसंबर को महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुई ट्रस्ट बैठक में 70 नए पुजारियों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई।
फिलहाल मंदिर परिसर में सिर्फ 20 पुजारी ही तैनात हैं, जो रामलला और राम दरबार के साथ-साथ कुबेर टीला और यज्ञमंडप जैसी जगहों की पूजा संभाल रहे हैं। पुजारियों की कमी के कारण परकोटे के मंदिरों और सप्त मंडपम में पूजा सीमित समय तक ही हो पा रही थी। ट्रस्ट का कहना है कि तीन शिफ्टों में 8-8 घंटे की ड्यूटी और पूरे दिन दर्शन व्यवस्था के लिए कम से कम 50 पुजारियों की तुरंत जरूरत है।
राम मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों की ड्यूटी तय करने के लिए अब हिंदी पंचांग का तरीका अपनाया है। पहले पुजारियों की पालियां अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से बदलती थीं, लेकिन अब अमावस्या और पूर्णिमा के आधार पर ड्यूटी बदली जाएगी। इस समय 10-10 पुजारियों की दो टीमें बनाई गई हैं, जो सुबह और शाम की शिफ्ट में रामलला और राम दरबार में सेवा दे रही हैं। नई भर्ती के बाद यह व्यवस्था और मजबूत की जाएगी, ताकि सभी सहायक मंदिरों में भी पूरे समय पुजारी मौजूद रहें। अब नई भर्ती के जरिए ट्रस्ट पुजारियों की कमी को पूरा कर मंदिर की पूजा व्यवस्था और प्रशासनिक संचालन को और बेहतर बनाना चाहता है।






