अयोध्या, 22 दिसंबर 2025:
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला का 77वां प्राकट्य महोत्सव श्रद्धा और भक्ति संग शुरू हो गया। श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के पहले दिन गर्भगृह में विधि-विधान से कलश स्थापना की गई।
सुबह समिति के सदस्य बैंड-बाजे के साथ कलश लेकर श्रीराम जन्मभूमि पथ मार्ग से होते हुए मंदिर पहुंचे। दर्शन-पूजन के बाद कलश को गर्भगृह में स्थापना के लिए पुजारी को सौंपा गया। पुजारी प्रदीप दास एवं अन्य अर्चकों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश पूजन कर गर्भगृह में स्थापना कराई।
कार्यक्रम में समिति के सभापति महंत धर्मदास, महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल, संयुक्त मंत्री महंत जयराम दास, कोषाध्यक्ष महंत सत्येंद्र दास वेदांती, महामंडलेश्वर गणेशानंद सहित कई संत-महंत और समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
महोत्सव के तहत 23 दिसंबर को अपराह्न 2 बजे पूजित कलश के साथ शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा संकट मोचन हनुमान मंदिर से शुरू होकर श्रीराम जन्मभूमि के चारों मार्गों से गुजरते हुए रामकोट की परिक्रमा करेगी और पुनः संपर्क मार्ग पर समाप्त होगी। शोभा यात्रा में श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीराम स्वरूप एवं श्रीराम दरबार की झांकियां, बैंड-बाजा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल रहेंगी।
बता दें कि पौष शुक्ल तृतीया, 22-23 दिसंबर 1949 की मध्यरात्रि में प्रभु श्रीरामलला का प्राकट्य हुआ था। बाबा अभिराम दास की प्रेरणा से उसी तिथि पर प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। वर्ष 1950 से श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्ष यह प्राकट्य महोत्सव मनाया जा रहा है। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल ने बताया कि शोभा यात्रा में समिति के पूर्व अध्यक्ष साकेत वासी संत राम विलास दास वेदांती के चित्रपट को रथ पर स्थापित कर शामिल किया जाएगा।






