बाराबंकी, 16 दिसंबर 2025:
जनपद में नशीले कफ सिरप की अवैध बिक्री के अड्डे खुद मेडिकल फर्मे बनीं है। औषधि विभाग की जांच में शहर की मुंशीगंज स्थित दवा मार्केट में कोडीन युक्त Rexley-T Cough Syrup के गैर-चिकित्सीय उपयोग और अवैध बिक्री का खुलासा हुआ है। इस मामले को लेकर शहर कोतवाली में मेडिकल फर्म मेसर्स अर्चना फार्मा और उसके प्रोपराइटर लखनऊ हजरतगंज वजीर हसन रोड निवासी अरविन्द सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
औषधि निरीक्षक रजिया बानो ने दर्ज एफआईआर में बताया है कि आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर गत 5 दिसंबर मुंशीगंज स्थित अर्चना फार्मा पर छापा मारा गया था। जांच के दौरान फर्म ने कफ सिरप की खरीद का रिकॉर्ड तो दिखाया, लेकिन एक भी बिक्री बिल या वैध विक्रय अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सकी।
8,100 बोतल सिरप खरीदा, पर बिक्री का कोई सबूत नहीं
जांच में सामने आया कि अर्चना फार्मा ने गाजियाबाद स्थित एक दवा कंपनी से कुल 8,100 बोतल (8100100 ml) कोडीन युक्त Rexley-T Cough Syrup खरीदा था। इसके बावजूद न तो बैंक लेन-देन का रिकॉर्ड दिया गया और न ही वैध बिक्री से जुड़े दस्तावेज।
चार मेडिकल स्टोरों ने खरीद से किया इनकार
फर्म द्वारा जिन मेडिकल स्टोरों को सिरप बेचने का दावा किया गया था, औषधि निरीक्षक ने उन चार प्रतिष्ठानों का भौतिक सत्यापन किया। सभी ने इस दवा की खरीद से इनकार किया, जबकि तीन दुकानदारों ने शपथ पत्र भी दिया।
नशे में इस्तेमाल होता है यह सिरप
औषधि विभाग के अनुसार Rexley-T Cough Syrup का गैर-चिकित्सीय उपयोग नशे के रूप में किया जाता है, जिससे युवाओं में लत और अपराध बढ़ने की आशंका रहती है। विभाग का कहना है कि थोक दवा लाइसेंस की आड़ में इस सिरप को खुले बाजार में अवैध रूप से बेचा गया।
नोटिस मिलने पर उपलब्ध कराए खरीद के फर्जी कागजात
गंभीर अनियमितता पाए जाने पर मुंशीगंज स्थित वासुदेव प्लॉजा में संचालित अर्चना फार्मा के मालिक अरविंद सिंह निवासी एलडीए कॉलोनी, वजीर हसन रोड हजरतगंज लखनऊ को विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब में खरीद से जुड़े फर्जी अभिलेख देकर गलत बयानी की गई। इसी आरोप में यहां शिड्यूल दवाओं की खरीद-फरोख्त पर तत्काल रोक लगा दी गई है। साथ ही कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।






