बाराबंकी, 31 अक्टूबर 2025:
बिना लाइसेंस दवा बेचने के मामले में बाराबंकी की अदालत ने एक आरोपी को तीन साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने यह सजा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत दी है, जिसे जनस्वास्थ्य के प्रति एक गंभीर अपराध माना गया।
मामला कोतवाली रामसनेहीघाट क्षेत्र का है। औषधि निरीक्षक सुमित कुमार ने 26 जून 2020 को भिटरिया गांव में टीम के साथ एक मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया था। वहां मौजूद व्यक्ति ने अपना नाम पवन तिवारी, निवासी पूरे अहिरन पोस्ट मऊगोरपुर, बताया।
निरीक्षण के दौरान टीम को स्टोर में काफी मात्रा में दवाएं मिलीं, लेकिन विक्रेता लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सका। न ही दवाओं की कोई रसीद या बिल दिखाया गया। इस पर औषधि निरीक्षक सुमित कुमार और अनीता कुरील ने दवाओं के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे।
मामले की सुनवाई के दौरान सभी गवाहों के बयान और पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अपर सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार ने आरोपी पवन तिवारी को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष का सश्रम कारावास और एक लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया।अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि बिना अनुमति के दवा की बिक्री लोगों की जान को जोखिम में डालती है, इसलिए ऐसे अपराधों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अनिवार्य है।






