लखनऊ, 28 दिसंबर 2025:
यूपी में माध्यमिक विद्यालयों के बाद अब नए साल से बेसिक शिक्षा विभाग भी टीचर्स के हाजिरी सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। विभाग ने ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम लागू करने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस कदम से न सिर्फ कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि शिक्षकों को उन परिस्थितियों में भी राहत मिलेगी जब वे आधिकारिक कारणों से कक्षाओं से दूर रहते हैं।
सबसे खास बात यह है कि तैयार किए जा रहे नए पोर्टल में ऑन ड्यूटी (OD) का विकल्प भी शामिल किया गया है। यदि कोई शिक्षक बैठक, प्रशिक्षण या किसी आधिकारिक टूर में शामिल होने के कारण विद्यालय में उपस्थित नहीं हो पाता तो प्रधानाध्यापक पूर्व सूचना के आधार पर उसकी उपस्थिति को ऑन ड्यूटी दर्ज कर सकेंगे। इससे पहले अक्सर ऐसी परिस्थितियों में शिक्षकों का वेतन कट जाता था या उन्हें अनुपस्थित माना जाता था। इसे मामले को लेकर काफी विवाद और शिकायतें सामने आती थीं।
हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद नई प्रणाली के विकास का कार्य तेजी से आगे बढ़ा है। पहले शासनादेश जारी किया गया था और अब इसके अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग ने आठ सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया है। यह समिति माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर एक आधुनिक एवं उपयोगी पोर्टल तैयार कर रही है। पोर्टल को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर सुचारू रूप से काम करे। यदि प्रधानाध्यापक चाहें तो स्मार्टफोन से भी पूरी प्रक्रिया संचालित कर सकेंगे।
इसके साथ ही सिस्टम में लोकेशन ट्रैकिंग की सुविधा भी जोड़ी जा रही है, जो उपस्थिति प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाएगी। विभाग पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि आधा घंटे तक देर से पहुंचने वाले शिक्षकों को अनुपस्थित नहीं माना जाएगा। इससे शिक्षकों को प्राथमिक स्तर पर राहत मिलेगी। ऑन ड्यूटी विकल्प के शामिल होने से उनकी बड़ी चिंता दूर होने की संभावना है।
हालांकि इस पहल का एक पक्ष यह भी है कि कई शिक्षक इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। वे ऑनलाइन उपस्थिति लागू होने के साथ-साथ ईएल-सीएल, हाफ डे लीव, बेहतर मेडिकल सुविधाएं और बीमा कवर की मांग पर अड़े हुए हैं। शिक्षकों का मानना है कि उपस्थिति व्यवस्था सख्त की जा रही है तो सुविधाओं में भी समान अनुपात में सुधार होना चाहिए।
इसके बावजूद विभाग का दावा है कि यह पहल शैक्षिक व्यवस्था को अधिक जवाबदेह और परिणाममुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। नए साल में यह बदलाव लागू होने के साथ ही प्रदेश के बेसिक शिक्षा संस्थानों में कार्यसंस्कृति में बड़ा सुधार देखने की उम्मीद की जा रही है।






