
नई दिल्ली, 17 जून 2025 :
डिजिटल पेमेंट को लेकर भारत एक और नए युग में प्रवेश कर चुका है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने लोगों के लेन-देन के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। अब NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI की कार्यक्षमता को और बेहतर बनाने के लिए कुछ बड़े बदलाव किए हैं। 16 जून 2025 से ट्रांजेक्शन के रेस्पॉन्स टाइम में भारी कटौती की गई है, जबकि 1 जुलाई 2025 से कई नई सुविधाएं लागू होंगी।
रेस्पॉन्स टाइम हुआ कम
NPCI ने बताया है कि रेस्पॉन्स टाइम अब रिक्वेस्ट और रिवर्स ट्रांजेक्शन के लिए 30 सेकेंड से घटाकर 10 सेकेंड कर दिया गया है। वहीं, वैलिड एड्रेस के लिए भी समय 15 सेकेंड से घटाकर 10 सेकेंड कर दिया गया है। इससे UPI पेमेंट अब और तेज़ और रियल टाइम हो जाएंगे।
पीक टाइम के दौरान मैंडेट रिट्राई की सुविधा सीमित रहेगी
अब हर दिन बैलेंस चेक करने की सीमा 50 बार तय की गई है। इसके अलावा, लिस्ट अकाउंट फीचर में ग्राहक अब एक दिन में 25 बार अपने मोबाइल से जुड़े अकाउंट की लिस्ट सर्च कर सकेंगे। ऑटो-पे मैंडेट के लिए हर सीक्वेंस नंबर पर एक चांस और फेल होने पर 3 रीट्राई की अनुमति होगी। हालांकि यह नियम पीक टाइम (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे) में लागू नहीं होगा।
इनएक्टिव मोबाइल नंबर होंगे सिस्टम से बाहर
UPI यूजर्स को एक और महत्वपूर्ण बदलाव के लिए सतर्क रहना होगा। NPCI ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे उन मोबाइल नंबर्स को सिस्टम से हटा दें जो लंबे समय से इनएक्टिव हैं और अब किसी अन्य यूजर को टेलीकॉम कंपनी द्वारा दिए जा चुके हैं। यह कदम साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।
अगर आपका नंबर सिस्टम से हट गया है तो क्या करें?
अगर आपके बैंक अकाउंट से लिंक नंबर पुराना और इनएक्टिव है, तो हो सकता है वह सिस्टम से हटा दिया गया हो। इससे UPI पेमेंट में दिक्कत हो सकती है। समाधान के लिए यूजर्स को अपनी बैंक ब्रांच जाकर या नेट बैंकिंग से सही नंबर अपडेट करना होगा। इसके बाद UPI ऐप में दोबारा रजिस्ट्रेशन और नए नंबर का वेरिफिकेशन करना होगा।
डिजिटल पेमेंट अब पहले से ज्यादा सुरक्षित
इन बदलावों के साथ, UPI न सिर्फ तेज़ होगा बल्कि पहले से ज्यादा सुरक्षित भी बन जाएगा। NPCI का यह कदम भारत के डिजिटल भुगतान सिस्टम को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।






