पटना, 2 जून 2025
बिहार के मुजफ्फरपुर में 11 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद पटना के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत से पूरे बिहार में हंगामा मच गया। रविवार को इसी को लेकर के कांग्रेस सड़कों पर उतरी और मुजफ्फरपुर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पार्टी ने एक दलित नाबालिग लड़की की दुखद मौत को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर निशाना साधा। लड़की की मौत कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के बाद “घोर चिकित्सा लापरवाही” के कारण हुई थी।
पटना और मुजफ्फरपुर दोनों जगहों पर प्रदर्शन हुए, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार पर आपराधिक उदासीनता, प्रशासनिक विफलता और प्रणालीगत असंवेदनशीलता का आरोप लगाया पटना में कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में कार्यकर्ता आयकर गोलंबर पर एकत्र हुए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का पुतला जलाया तथा न्यायिक जांच तथा स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान राजेश राम ने घोषणा की, “अगर लड़की को न्याय नहीं मिला तो मैं उसकी अस्थियां लेकर पूरे बिहार की यात्रा करूंगा।”
बता दे कि घटना 26 मई की है, जब मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड की रहने वाली लड़की रहस्यमय परिस्थितियों में नहर में पड़ी मिली थी। नहर में फेंकने से पहले उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था। प्रदर्शन के दौरान बोलते हुए मुजफ्फरपुर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल ने कहा: “लड़की को पटना ले जाने के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद जिला प्रशासन ने कुछ नहीं किया। बहुत दबाव के बाद ही उसे पीएमसीएच रेफर किया गया, जहां उसे चार घंटे तक एंबुलेंस में इंतजार करना पड़ा, उसके बाद ही कोई मेडिकल सहायता मिली।” उन्होंने आगे दावा किया कि जब राज्य कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने व्यक्तिगत रूप से पीएमसीएच में मामले में हस्तक्षेप किया, तब जाकर इलाज शुरू हुआ। दुखद बात यह है कि लड़की की कुछ ही देर बाद मौत हो गई।
मुकुल ने मुजफ्फरपुर में संवाददाताओं से कहा, “यह सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा लगाती है, लेकिन हकीकत में इलाज के अभाव में लड़कियां मर रही हैं। प्रशासन चुप है, जबकि गरीब पीड़ित हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।” मुजफ्फरपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरैयागंज टावर चौराहे को जाम कर दिया, जिससे घंटों यातायात बाधित रहा। शहर भर में सरकार के खिलाफ नारे गूंजते रहे और प्रदर्शनकारियों ने लड़की के लिए न्याय और शीर्ष अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की।
कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने भी एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए इसे “गहरी नींद में सोई हुई डबल इंजन वाली सरकार” कहा। रंजन ने कहा, “पूरे बिहार में गंभीर अपराध हो रहे हैं, लेकिन सरकार सो रही है… कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और फिर भी किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा रहा है।” मृतक लड़की दलित समुदाय से थी और उसकी मौत ने बिहार में जाति, स्वास्थ्य देखभाल असमानता और प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़ी बहस छेड़ दी है।