Bihar

Bihar: पीएम मोदी के बिहार दौरे पर सियासत गरमाई, तेजस्वी यादव ने मांगे इन सवालों के जवाब

पटना, 24 फरवरी 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार दौरे पर हैं। लेकिन इस दौरे के पहले ही बिहार में सियासी संग्राम छिडा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई सवाल दागकर पीएम मोदी से उसका जवाब मांगा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार में है। प्रदेश में 𝟐𝟎 वर्षों से उनकी एनडीए सरकार और केंद्र में 𝟏𝟏 वर्षों से है। बिहारवासी उनसे झूठ और जुमला नहीं बल्कि कुछ वाज़िब सवाल पूछना चाहते है।

तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते थे कि 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे लेकिन अब 𝟐𝟎𝟐𝟓 आ गया किसानों की आय दुगुनी करना तो दूर कमरतोड़ महंगाई और बेरोज़गारी के कारण उनकी आय कम ज़रूर हो गयी है। इसका दोषी कौन?
इतना ही नहीं तेजस्वी ने इसके अलावा, बिहार के किसानों की समस्याएँ, चुनौतियां और संकट अन्य राज्यों की तुलना में अलग है। बिहार में खेतिहर मज़दूर और बटाईदार अधिक है। उनके लिए डबल इंजन सरकार ने क्या विशेष किया? बिहार के किसानों की आय देश में सबसे कम क्यों है? बिहार में साक्षरता दर देश में सबसे कम क्यों है? प्रति व्यक्ति निवेश सबसे कम बिहार में क्यों है? केंद्र की पीएम श्री मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत बिहार को टेक्सटाइल पार्क क्यों नहीं दिया?
प्रदेश में 𝐍𝐃𝐀 के 𝟐𝟎 वर्षों के शासन के बाद भी गरीबी और बेरोजगारी में बिहार अव्वल क्यों है? बिहार के विशेष राज्य के दर्जे और विशेष पैकेज का क्या हुआ? 𝟐𝟎𝟏𝟒 में मोतिहारी की चीनी मिल शुरू करवा उसकी चीनी से चाय पीने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री बताएँ कि मोतिहारी की चीनी मिल की चाय कब पियेंगे?

इतना ही नहीं तेजस्वी ने इसके अलावा यह भी सवाल किया है कि प्रधानमंत्री बताएँ कि वो मधुबनी, सारण, गोपालगंज, नवादा, मुज़फ़्फ़रपुर की बंद पड़ी चीनी मिलों को कब शुरू करायेंगे? कटिहार में जूट मिल कब शुरू करेंगे? वो बेरोज़गारों को रेलवे और आर्मी में नौकरियां कब देना शुरू करेंगे? महागठबंधन की बिहार सरकार से पारित 𝟔𝟓% आरक्षण को संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं कर रहे? वो देश में जातिगत जनगणना क्यों नहीं करा रहे? देश में सबसे अधिक पलायन बिहार से होता है। आपने बिहार से पलायन रोकने के लिए क्या किया? जैसे सवाल भी पूछे हैं।

उनका यह भी कहना था कि सर्वविदित है कि चुनावी वर्ष में आगामी कुछ महीनों तक प्रधानमंत्री को बिहार और बिहारियों की गजब चिंता सताएगी। इस वर्ष उन्हें गंगा मैया, छठी मैया, जानकी मैया, माता सीता, ब्रह्म बाबा, महादेव, सूर्य देव, महात्मा बुद्ध, गुरु गोविंद सिंह, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लिट्ठी-चोखा, ठेकुआ, मखाना, आम, लिची, सिल्क उद्योग, कथित विशेष पैकेज इत्यादि सब की जुबानी याद आएगी। ऐसी याद की भाव-विभोर भी हो सकते है। 𝟏𝟏 वर्ष से आप प्रधानमंत्री है, प्रदेश में 𝟐𝟎 वर्षों से आपकी सरकार है लेकिन बिहार को कुछ भी विशेष नहीं मिला है और न ही मिलने की उम्मीद है। बिहारवासी अब झूठ, जुमले और प्रचार नहीं चाहते।

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