
लखनऊ, 31 मार्च 2025:
गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के नोटिस का जवाब भेज दिया है। अपने जवाब में उन्होंने 20 मार्च को रामकथा की कलश यात्रा के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प का सिलसिलेवार ब्योरा देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस पर दंगा भड़काने की साजिश का आरोप
विधायक ने अपने जवाब में लिखा कि पुलिस ने जानबूझकर दंगा भड़काने की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि अगर श्रीराम कथा का आयोजन करना अनुशासनहीनता है, तो पार्टी को स्पष्ट निर्देश देना चाहिए कि वे इस प्रकार के आयोजन न कराएं। उन्होंने यह भी बताया कि वे 2010 से रामकथा का आयोजन कर रहे हैं। इससे पहले किसी सरकार में उन्हें अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन इस बार अनुमति लेने के बावजूद पुलिस ने कलश यात्रा को जबरन रोका और लाठीचार्ज किया।
रामचरितमानस छीनने और फाड़ने की कोशिश का दावा
विधायक गुर्जर ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने रामचरितमानस को छीनकर फाड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी तरह इसे बचा लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की बर्बरता के कारण कई महिलाएं और श्रद्धालु घायल हो गए।
अपनी हत्या की साजिश का लगाया आरोप
गुर्जर ने अपने जवाब में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही सूचना मिल गई थी कि पुलिस न केवल कलश यात्रा रोकेगी, बल्कि लाठीचार्ज के दौरान स्थिति बिगड़ने पर उनकी हत्या करने की भी साजिश थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें “कांटा” मानती है क्योंकि वे गौरक्षा, गरीबों की सहायता और पुलिस भ्रष्टाचार के मुद्दे मुख्यमंत्री तक पहुंचाते रहे हैं।
तीन मुस्लिम युवकों ने दी थी साजिश की जानकारी
विधायक ने अपने जवाब में बताया कि तीन मुस्लिम युवकों ने भी उन्हें पुलिस की योजना के बारे में आगाह किया था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने इन युवकों को छत पर चढ़कर पथराव करने के निर्देश दिए थे, लेकिन वे सतर्क थे और आयोजन की अनुमति भी पहले ही ली थी।
विधायक ने जांच समिति की मांग की
गुर्जर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति गठित की जाए। उन्होंने जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर अपने पक्ष को विस्तार से रखने की बात भी कही है। अपने दो पन्नों के जवाब में विधायक ने आयोजन की अनुमति का पत्र भी संलग्न किया है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व से अपील की है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए ताकि सत्य सामने आ सके।