पटना | 27 जून 2025
बिहार विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत बसपा ने राज्य में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा स्थापित लव-कुश समीकरण को चुनौती देने के लिए अब बहुजन समाज पार्टी ने कुर्मी और कोइरी जातियों को अपने पाले में लाने का ऐलान किया है। बसपा के राष्ट्रीय चीफ कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद इस समीकरण को साधने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।
आकाश आनंद ने हाल ही में पटना में छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर आयोजित सम्मेलन में अपनी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश में मायावती द्वारा किए गए सामाजिक परिवर्तन की तर्ज पर बिहार में भी बदलाव लाएगी। शाहूजी महाराज का जिक्र करते हुए आकाश ने कहा कि जैसे मायावती ने उत्तर प्रदेश में दलित, पिछड़े और अति पिछड़ों के लिए काम किया, उसी तरह बिहार में भी बसपा एक नया सामाजिक क्रांति लाएगी।
आकाश ने शाहूजी महाराज को सामाजिक क्रांति का अग्रदूत बताते हुए कहा कि उनकी नीति के तहत दलितों और पिछड़ी जातियों को समाज में समान सम्मान दिलवाया गया। वे बिहार में भी ऐसे ही नेतृत्व की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं, जो समाज के हर वर्ग को दिशा दे सके।
बसपा की रणनीति में दलित वोटबैंक के साथ-साथ कुर्मी और कोइरी जातियों को जोड़ने की योजना है। आकाश आनंद का यह मानना है कि शाहूजी महाराज के नेतृत्व से बिहार में इन जातियों के वोट को अपने पक्ष में किया जा सकता है। हालांकि, बिहार में बसपा का प्रभाव सीमित रहा है और पार्टी को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, बसपा के लिए इस वोटबैंक को साधना आसान नहीं होगा क्योंकि राज्य की राजनीति में नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण का काफी प्रभाव है। अब यह देखना होगा कि क्या बसपा बिहार में अपनी सियासी जड़ें जमा पाएगी और इस समीकरण को तोड़ पाएगी।