
नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025 —
देशभर की ग्राम पंचायतों के बजट में पिछले पांच वर्षों में भारी कमी आई है। 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाला अनुदान वर्ष 2020-21 के 60 हजार करोड़ रुपये से घटकर 2024-25 में सिर्फ 37 हजार करोड़ रुपये रह गया है। कोविड-19 महामारी के बाद यह कटौती और तेज हो गई, जिसका सीधा असर ग्रामीण विकास कार्यक्रमों पर पड़ा है।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का बजट 2020-21 में 9752 करोड़ रुपये था, जो घटकर 7994 करोड़ रुपये रह गया, यानी करीब 1800 करोड़ रुपये की कमी। बिहार में भी 5 वर्षों में 1000 करोड़ रुपये की कटौती हुई, जबकि पश्चिम बंगाल में हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये घटाए जाने से कुल बजट 4412 करोड़ से घटकर 3617 करोड़ रह गया है।
आंकड़ों के मुताबिक, किसी भी राज्य का ग्राम पंचायत बजट पिछले पांच सालों में बढ़ा नहीं है। कई राज्यों में 30 से 40 प्रतिशत तक कटौती दर्ज की गई है, जिसके कारण सड़क निर्माण, स्वच्छता अभियान और अन्य स्थानीय परियोजनाओं पर रोक या देरी हो रही है। ग्रामीण विकास विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो आने वाले वर्षों में गांवों की बुनियादी सुविधाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं।