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देहरादून में गरजा बुलडोजर: धामी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक, शास्त्री नगर की अवैध मजार ढहाई

जमीन सरकारी पर बिना अनुमति कराया गया था निर्माण, दो सप्ताह पहले दिया गया था नोटिस, नगर निगम की टीम ने चलाया बुलडोजर, उत्तराखंड में अब तक 571 अवैध मजारें, दरगाहें तथा अन्य निर्माण गए हटाए

देहरादून, 28 दिसंबर 2025:

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ धामी सरकार की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। इसी क्रम में बीती रात प्रशासन की टीम ने शास्त्री नगर अजबपुर कला इलाके में रोड किनारे बनी एक अवैध मजार को ध्वस्त कर दिया। सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायत के बाद यह कार्रवाई दो सप्ताह पहले दिए गए नोटिस की अवधि खत्म होने पर की गई।

जानकारी के मुताबिक नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह और एसडीएम हरि गिरी के नेतृत्व में नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद बुलडोजर चलाया गया। टीम ने पहले पूरी जगह को सील किया जिससे किसी भी अप्रिय घटना या तनाव की स्थिति पैदा न हो। एसएसपी अजेय सिंह के अनुसार कार्रवाई के दौरान किसी तरह का विरोध देखने को नहीं मिला और पूरा अभियान करीब एक घंटे में शांतिपूर्वक पूरा कर लिया गया।

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प्रशासन ने साफ किया कि ध्वस्तीकरण से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। मजार को हटाने के पश्चात जब मलबा हटवाया गया तो उसके नीचे किसी तरह के अवशेष या दावे को प्रमाणित करने वाला कुछ भी नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में राज्य की संपत्ति के रूप में दर्ज है। इस पर बिना अनुमति निर्माण किया गया था।

इस पूरे घटनाक्रम को राज्य सरकार की उस नीति से जोड़कर देखा जा रहा है जिसका जिक्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार करते रहे हैं कि सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाई गई अवैध संरचनाओं को हर हाल में हटाया जाएगा। बेहतर होगा कि लोग स्वयं ऐसी निर्माण हटाएं, वरना प्रशासन कार्रवाई करेगा। उन्होंने दोहराया है कि उत्तराखंड में किसी भी अवैध कब्जे को धर्म या समुदाय के नाम पर संरक्षण नहीं दिया जाएगा। CM Pushkar Singh Dhami News 

सरकार के अनुसार अब तक प्रदेश में 571 से अधिक अवैध मजारें, दरगाहें तथा अन्य निर्माण हटाए जा चुके हैं। वे कथित रूप से सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए गए थे। सरकार का दावा है कि यह अभियान आगे भी इसी गति से जारी रहेगा ताकि सार्वजनिक भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके और भविष्य में ऐसे कब्जे रोके जा सकें।

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