
नई दिल्ली, 22 मई 2025
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में अमेरिका की किसी भी भूमिका को सिरे से खारिज कर दिया है। डच प्रसारक एनओएस को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के जरिए हुआ है, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही।
उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार इस बात का दावा करते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप ने यह भी कहा था कि उन्होंने दोनों देशों से व्यापार के जरिए शांति कायम करने का प्रयास किया।
लेकिन जयशंकर ने कहा कि यह दावा गलत है। उन्होंने बताया कि सीजफायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के बाद लिया गया, न कि अमेरिका की मध्यस्थता से। उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य देश उस समय भारत के संपर्क में जरूर थे, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया पूरी तरह भारत-पाकिस्तान के बीच की थी।
जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह हमला धार्मिक कट्टरता से प्रेरित था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। विदेश मंत्री ने पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को एक कट्टर धार्मिक विचारधारा वाला व्यक्ति बताया और कहा कि वह कई मौकों पर अपने बयानों से यह बात जाहिर कर चुके हैं।
इस बीच ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बड़े व्यापारिक सौदे किए हैं, और इसी व्यापार के जरिए उन्होंने तनाव को कम किया। उन्होंने कहा कि भारत उनका मित्र है और पाकिस्तान में भी कई अच्छे नेता हैं। हालांकि, भारत ने इन दावों को स्पष्ट रूप से नकार दिया है।
यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अब किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार करने के बजाय, प्रत्यक्ष वार्ता को प्राथमिकता दे रहा है।






