लखनऊ, 4 जून 2025:
यूपी की राजधानी स्थित लोकभवन में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के साथ बैठक की। देर तक चली। इस बैठक में प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा आयोग के सामने रखा गया। इस दौरान सीएम ने करों में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग रखी। इस पर आयोग ने प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहते हुए मांग पर अंतिम निर्णय बाद में लिए जाने की बात कही।
सीएम ने विशेष विकास योजनाओं के लिए अलग से धन मांगा, मांग पत्र भी दिया
लोकसभवन में हुई इस बैठक में सीएम व आयोग के अध्यक्ष के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना मौजूद रहे। बैठक में गहन विचार विमर्श के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रेस से रूबरू हुए। इस दौरान बताया गया कि प्रदेश सरकार ने बुधवार को 16वें वित्त आयोग से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। साथ ही प्रदेश ने विशेष विकास योजनाओं के लिए अलग से धनराशि देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने आयोग को प्रदेश की तरफ से मांग पत्र भी सौंपा है।
आयोग के अध्यक्ष बोले…मांग ज्यादा, आयोग बाद में लेगा अंतिम निर्णय
वहीं अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि 28 में से 22-23 राज्यों ने करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये मांग बहुत ज्यादा है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय आयोग बाद में लेगा। आयोग की केंद्र व राज्य सरकार के बीच करों की हिस्सेदारी को लेकर सिफारिशें आगामी वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक के लिए होंगी। कहा कि प्रदेश की विकास योजनाओं से आयोग प्रभावित है। प्रदेश की प्रगति काफी बेहतर है।
अध्यक्ष को कई अहम प्रस्ताव दिए गए
अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार ने आयोग को राज्य की स्थिति की जानकारी दी। बताया कि जनसंख्या मानदंड 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत करने, जनसांख्यिकी को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने व वन एवं पारिस्थितिकी को 10 से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है। इसी प्रकार स्वयं के करों का मानदंड 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव आयोग को दिया है।