चेन्नई, 17 मार्च 2025
इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार को कहा कि केंद्र ने चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए महत्वाकांक्षी चंद्रयान-5 मिशन को हाल ही में मंजूरी दी है।बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के विपरीत, जिसमें 25 किलोग्राम का रोवर ‘प्रयागज्ञान’ ले जाया गया था, चंद्रयान-5 मिशन चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा।
चंद्रयान मिशन में चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना शामिल है। 2008 में सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की रासायनिक, खनिज और फोटो-भूगर्भिक मैपिंग की। चंद्रयान-2 मिशन (2019) 98 प्रतिशत सफल रहा, लेकिन अंतिम चरण में मिशन का सिर्फ़ दो प्रतिशत ही हासिल किया जा सका। अंतरिक्ष विभाग के सचिव नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-2 पर लगा हाई रिजोल्यूशन कैमरा अभी भी सैकड़ों तस्वीरें भेज रहा है।
चंद्रयान-3 मिशन, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और भ्रमण की संपूर्ण क्षमता का प्रदर्शन करना है।
इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसके लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। नारायणन ने कहा, “बस तीन दिन पहले ही हमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है। हम इसे जापान के साथ मिलकर करेंगे।”
चंद्रयान-4 मिशन, जिसे 2027 में प्रक्षेपित किये जाने की सम्भावना है, का उद्देश्य चंद्रमा से एकत्रित नमूने लाना है। इसरो की भावी परियोजनाओं के बारे में नारायणन ने कहा कि गगनयान सहित विभिन्न मिशनों के अलावा भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन-भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना भी चल रही है।