
लखनऊ, 29 मार्च 2025:
आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना का विशेष चैत्र नवरात्रि पर्व कई मायनों में खास है। रविवार से पर्व का शुभारंभ होने से माता की सवारी बनने का सौभाग्य गजराज को मिलेगा। यही गजराज मां के साथ श्रद्धालुओं पर सुख समृद्धि बरसाएंगे।
रविवार की सुबह छह बजे से दोपहर तक रहेगा कलश स्थापना का मुहूर्त
30 मार्च यानी रविवार से शुरू हो रहा चैत्र नवरात्रि का पर्व छह अप्रैल तक मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों ने नवरात्रि पर कलश स्थापना का मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट यानी 4 घंटे 8 मिनट अवधि की रहेगी। इसके अलावा इस मुहूर्त में कलशस्थापना न कर पाने वालों के लिए अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा। इसका समय दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

देवी के नौ रूपों को प्रिय हैं अलग-अलग रंग
नवरात्रि की नौ देवियों में माता शैलपुत्री को नारंगी, माता ब्रह्मचारिणी को श्वेत, माता चंद्रघंटा को लाल,
माता कुष्मांडा को आसमानी, मां स्कंदमाता को गुलाबी, माता कात्यायनी को पीला, माता कालरात्रि को गहरे नीले रंग, माता महागौरी को बैगनी और
माता सिद्धिदात्री को सतरंगी रंग के रेशमी वस्त्र, श्रृंगार सामग्री और आभूषण भेंट कर अलग-अलग व्यंजनों के भोग लगाएं।
मां दुर्गा की सवारी गजराज होने का महत्व
ज्योतिष मानते हैं कि नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति के दिन के आधार पर ही मां दुर्गा की सवारी तय होती है। इस बार पर्व रविवार से शुरू होकर सोमवार को समाप्त हो रहा है इसलिए रविवार को आगमन और सोमवार को प्रस्थान से आशय है, मां दुर्गा गजराज पर सवार होंगी। भागवत पुराण में भी मां की हाथी सवारी को शुभ माना गया है। यह वाहन सुख, समृद्धि का प्रतीक है।
