एमएम खान
मोहनलालगंज (लखनऊ), 28 दिसंबर 2025:
राजधानी स्थित संजय गांधी पीजीआई के अपेक्स ट्रामा सेंटर में इलाज को लेकर मरीज के परिजनों और डॉक्टर के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि बहस के बाद तीमारदार उग्र हो गए और सुरक्षा में तैनात गार्डों के साथ मारपीट की। घटना में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। पीजीआई प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो तीमारदारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पीजीआई संस्थान के सहायक सुरक्षा अधिकारी धनंजय कुमार पांडेय के अनुसार, शाम करीब सात बजे न्यूरोसर्जरी वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर पवन से मरीज विजय बहादुर सिंह के परिजन इलाज को लेकर बहस करने लगे। आरोप है कि बहस के दौरान परिजनों ने अपशब्दों का प्रयोग किया और स्थिति बिगड़ने लगी।

बीच-बचाव करने पहुंचे गार्ड, बढ़ा विवाद
डॉक्टर की सुरक्षा को देखते हुए जब मौके पर तैनात सुरक्षा गार्ड अरुण कुमार सिंह, सुनील कुमार दुबे, अखिलेश यादव और उमेश यादव ने हस्तक्षेप किया, तो तीमारदार और भड़क गए। आरोप है कि गार्डों के साथ हाथापाई की गई और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। Fake Ayushman Card Gang
चार सुरक्षाकर्मी घायल, मुकदमा दर्ज
हमले में चारों सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद ट्रामा सेंटर परिसर में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया। मामले को लेकर पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने अभिषेक सिंह और आशीष सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीजीआई इंस्पेक्टर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभिषेक सिंह के खिलाफ पहले भी सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा दर्ज है।

तीमारदार पत्नी में कहा-न्याय न मिला तो करूंगी आत्मदाह
वहीं दूसरी ओर मरीज की पत्नी रेखा सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पति का 8 दिसंबर को बाराबंकी में सड़क हादसा हुआ था, जिसके बाद उन्हें पीजीआई ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। 13 दिसंबर को सर्जरी हुई, तब से वह आईसीयू में भर्ती हैं और हालत गंभीर बनी हुई है। रेखा सिंह का कहना है कि अस्पताल स्टाफ की ओर से लापरवाही बरती जा रही थी।
उनका आरोप है कि शुक्रवार शाम आयुष्मान कार्ड से जुड़ी औपचारिकता के लिए फोटो खींचने को लेकर गार्डों ने उनके बेटे से बदसलूकी की। विरोध करने पर महिला और उसके बेटों के साथ मारपीट की गई और बाद में उनके बेटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। महिला ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगी।






