देहरादून, 27 मई 2025
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन रही है। कुछ दिनों में कई श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश की मौत का कारण ऊंचाई पर स्वास्थ्य बिगड़ना बताया जा रहा है।
चारधाम यात्रा के चारों प्रमुख स्थल समुद्र तल से 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। इनमें केदारनाथ 3,583 मीटर, गंगोत्री 3,415 मीटर, यमुनोत्री 3,291 मीटर और बद्रीनाथ 3,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और ठंडा मौसम विशेष रूप से बुजुर्ग यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
बुजुर्गों के लिए जोखिम के प्रमुख कारण
ऊंचाई बढ़ने के साथ हवा में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। बुजुर्गों में फेफड़े और हृदय की कार्यक्षमता कम होने से यह अधिक खतरनाक हो जाता है, जिससे उच्च ऊंचाई बीमारी जैसे लक्षण सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, सांस की तकलीफ और थकावट देखे जा रहे हैं। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और सांस की समस्याएं पहले से झेल रहे बुजुर्गों के लिए ये यात्रा और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। केदारनाथ और यमुनोत्री जैसे स्थलों पर लंबी और कठिन चढ़ाई करना पड़ता है। यह बुजुर्गों के लिए जोड़ों का दर्द, थकावट और गिरने जैसे खतरे बढ़ाता है। पहाड़ों में मौसम तेजी से बदलता है। अचानक बारिश, बर्फबारी या ठंडी हवाएं बुजुर्गों में हाइपोथर्मिया जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की सीमित उपलब्धता आपात स्थितियों में तुरंत इलाज पाना मुश्किल बना देती है।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब तक हुई अधिकांश मौतें दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप, ऑक्सीजन की कमी और सांस की तकलीफ के कारण हुई हैं। अधिकारियों ने यात्रियों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच करवाएं और अपनी दवाइयां साथ रखें।
बुजुर्ग यात्रियों के लिए जरूरी सुझाव
यात्रा से पहले डॉक्टर से सलाह और मेडिकल चेकअप करवाएं। जरूरी दवाइयां पर्याप्त मात्रा में साथ रखें। धीरे-धीरे ऊंचाई बढ़ाएं ताकि शरीर अनुकूल हो सके। खूब पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें। मौसम के अनुसार हल्के और गर्म कपड़े पहनें। अत्यधिक थकान से बचने के लिए घोड़े, पालकी या पोर्टर का सहारा लें। किसी भी असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
चारधाम यात्रा एक धार्मिक और भावनात्मक अनुभव जरूर है, लेकिन बुजुर्ग यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य सीमाओं को समझते हुए ही इस यात्रा की योजना बनानी चाहिए। विशेषकर केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले धाम में स्वास्थ्य जोखिम अधिक है, जो हाल की घटनाओं से स्पष्ट होता है।