देहरादून, 12 अप्रैल 2025:
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय स्थित सभागार में अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर सभी व्यवस्थाएं समयबद्धता से पूरी की जाएं और यात्रा को सुरक्षित, सुगम व सुव्यवस्थित बनाने के लिए अभी से तैयारी सुनिश्चित करें।
सचिवों को सौंपी यात्रा मार्गों की जिम्मेदारी
मुख्य सचिव ने देहरादून से केदारनाथ के लिए सचिव युगल किशोर पंत, बद्रीनाथ के लिए डॉ. आर राजेश कुमार, गंगोत्री के लिए डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम और यमुनोत्री के लिए डॉ. नीरज खैरवाल को जिम्मेदारी सौंपी। सभी सचिवों से यात्रा मार्गों की तैयारियों का फीडबैक लिया गया और जिलाधिकारियों को सुझावों के अनुपालन के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को यात्रा शुरू होने से पहले चालू करने के निर्देश दिए। साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर में स्वास्थ्य स्क्रीनिंग केंद्रों की संख्या बढ़ाने को कहा, ताकि यात्रा प्रारंभ से पूर्व श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण हो सके।
यात्रा मार्गों पर पार्किंग और ट्रैफिक प्रबंधन पर बल
मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ करने और अधिक से अधिक पार्किंग स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थलों के पास खाने, स्वास्थ्य जांच और रहने की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। साथ ही, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वैकल्पिक यातायात प्रबंधन योजना तैयार करने को कहा।
उन्होंने श्रद्धालुओं को यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण कर “स्मृति वन” बनाने का अवसर देने का सुझाव दिया, ताकि श्रद्धालु इस यात्रा को यादगार बना सकें।
भूस्खलन व जाम से निपटने के लिए डिजिटल समाधान
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर दुर्घटना या भूस्खलन से होने वाले जाम की जानकारी यात्रियों को देने के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। जब तक यह व्यवस्था धरातल पर नहीं उतरती, तब तक बल्क एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से जानकारी देने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, संभावित भूस्खलन क्षेत्रों के शीघ्र ट्रीटमेंट और दीर्घकालिक उपचार सुनिश्चित करने को कहा।
शौचालयों में नियमित सफाई कराने के निर्देश
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता बनाए रखने, शौचालयों में नियमित सफाई व पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके लिए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और 15वें वित्त आयोग की टाइड फंडिंग का उपयोग करने को कहा गया। चारधामों में दुकानदारों, घोड़ा-कंडी संचालकों व अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए आरएफआईडी टैग अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए गए।
धामों में टैंट व्यवस्था होगी सुव्यवस्थित
श्रद्धालुओं के रुकने के लिए लगाए जाने वाले टैंटों को सुव्यवस्थित करने हेतु भी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए। बैठक में सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित चारधाम और यात्रा मार्गों से संबंधित जिलों के डीएम व अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
