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छठ पूजा : यमुना में प्रदूषण देख दिल्ली हाईकोर्ट का पूजा से इंकार, कहा लोगों के लिए खतरा

नई दिल्ली, 7 नबंवर 2024

लोगों के आस्था के त्यौहार पर दिल्ली के प्रदूषण का कहर पड़ गया है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देख कर दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना के तट पर छठ पूजा ना करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यमुना नदी का पानी बहुत प्रदूषित है। इसमें छठ पर्व मनाने से लोगों की सेहत बिगड़ सकती है। दिल्ली में यमुना के तट पर छठ पूजा नहीं होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने छठ मनाने की परमिशन देने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि दिल्ली में 1000 जगहों पर छठ मनाने के इंतजाम किए गए हैं, वहां जाकर लोग छठ पर्व मना सकते हैं। बता दे कि पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के 29 अक्टूबर 2021 के एक नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी। इस नोटिफिकेशन में यमुना किनारे उत्सव स्थल बनाने पर बैन लगाया गया था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने बैन कोविड-19 के दौरान लगाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रदूषित नदी का हवाला देते हुए कहा कि छठ पूजा के लिए लोग यमुना के जहरीले पानी में न जाएं, इसलिए ये बैन लगाया गया है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि यमुना में डुबकी लगाने से लोगों की तबीयत खराब हुई है। यहां तक कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। ऐसे में इस याचिका पर किसी भी तरह का आदेश देने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने यमुना के बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि हम नदी में सीवेज छोड़ना जारी नहीं रख सकते। ये इंडस्ट्रियल सीवेज नहीं है, ह्यूमन सीवेज है। नदी के किनारे अवैध कालोनियां बनाई गई हैं। इनका अनट्रीटेड सीवेज नदी में जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि बैन लगाने की जगह यमुना को साफ किया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम अपने दिमाग साफ नहीं कर रहे हैं। अगर इसे साफ कर सकते हैं तो यमुना को भी जल्दी साफ कर सकते हैं। हम सभी इस पर सहमत हैं कि हमें यमुना को साफ करना है, लेकिन ये हमारी प्राथमिकता में नहीं है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यमुना नदी में मौजूद प्रदूषण को हटाया भी जा सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ये काम रातों-रात संभव नहीं है। कोर्ट ने इस दौरान उस याचिका का भी जिक्र किया जिसमें 241 झुग्गीवासियों को यमुना के बाढ़ क्षेत्र से हटाने की बात कही गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इन झुग्गी वालों का सीवेज यमुना नदी को प्रदूषित कर रहा है। मगर उन्हें हटाने की बजाय सभी राजनेता वहां जाएंगे और लंबे-लंबे भाषण देंगे। क्योंकि अगर वे हट गए तो चुनाव लड़ने का मुद्दा नहीं बचेगा।

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