
रायपुर, 5 मार्च 2025
रायपुर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 2017 के कथित सेक्स सीडी मामले में बरी कर दिया है। इस सीडी में कथित तौर पर भाजपा के एक पूर्व मंत्री शामिल थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने बताया कि विशेष मजिस्ट्रेट (सीबीआई) रायपुर भूपेश कुमार बसंत ने बघेल की आरोपमुक्ति याचिका पर विचार किया और उन्हें राहत प्रदान की। उन्होंने कहा कि मामले में दायर आरोपपत्र में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
सीडी कांड में सीबीआई कोर्ट से राहत मिलने के बाद बघेल ने एक्स पर लिखा ‘सत्यमेव जयते’ सीडी कांड में भूपेश बघेल को बरी किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी इसे सत्य की जीत बताया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, “आखिरकार सत्य की जीत और षडयंत्र की हार हुई। एआईसीसी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीडी कांड में लगाए गए आरोपों को सीबीआई की विशेष अदालत ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।” प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं किया जा सकता।”
सेक्स सीडी मामला क्या है?
अक्टूबर 2017 में, एक वरिष्ठ पत्रकार और बघेल के करीबी सहयोगी विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत से कथित रूप से जुड़े एक “अश्लील वीडियो” के सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था।
उसी वर्ष, रायपुर के पंडरी पुलिस थाने में तत्कालीन भाजपा नेता प्रकाश बजाज की शिकायत पर ब्लैकमेल और जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर परेशान किया जा रहा था, जिसने उनसे कहा था कि “उसके पास उसके ‘आका’ (मालिक) की सीडी है”।
जांच के बाद एक सर्च टीम दिल्ली भेजी गई और 27 अक्टूबर 2017 को गाजियाबाद से वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दावा किया था कि उसके पास से 500 सीडी और पेन ड्राइव समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। वर्मा ने तब दावा किया था कि उसके पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की सेक्स सीडी है।
वर्मा की गिरफ़्तारी के बाद, कथित तौर पर मूणत की मौजूदगी वाला अश्लील वीडियो सामने आया, जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया। मूणत ने रायपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में बघेल और वर्मा के खिलाफ़ “फर्जी सीडी” के ज़रिए उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
24 सितंबर, 2018 को सीबीआई ने यहां अपनी विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें बघेल, वर्मा और तीन अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया। अन्य आरोपियों में रायपुर के ऑटोमोबाइल डीलर रिंकू खानूजा ने जून 2018 में आत्महत्या कर ली थी, जब सीबीआई जांच अभी भी जारी थी।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में उपयोग करना), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और आईटी अधिनियम की धारा 67 ए (जो कोई भी ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित या प्रसारित करता है या प्रकाशित या प्रसारित करवाता है जिसमें स्पष्ट यौन कृत्य शामिल है) के तहत आरोप तय किए गए थे।
उस समय राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष रहे बघेल को जमानत याचिका दायर करने से इनकार करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। रायपुर सेंट्रल जेल में तीन दिन बिताने के बाद बघेल ने आखिरकार जमानत याचिका दायर की। 27 सितंबर, 2018 को सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की और बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। बघेल ने अपने सहयोगी वर्मा को राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने सीडी मुद्दे को लेकर बघेल पर निशाना साधा था।






