प्रयागराज, 3 अप्रैल 2025:
यूपी के प्रयागराज जिले के श्रृंगवेरपुर धाम में गुरुवार को राजा निषाद के जन्मोत्सव कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे। सीएम ने यहां 579 करोड़ की योजनाएं सौंपी तो गाइड नाविकों को सम्मानित कर मत्स्य पालकों को 20 करोड़ का लोन भी दिया। यहां उन्होंने प्रभु श्रीराम और निषादराज की मित्रता का स्मरण कराया और वक्फ बिल को लेकर विपक्ष पर सवाल दागे। उन्होंने कहा ये तो महाकुंभ की जमीन को भी वक्फ का बता दिया। यूपी में माफिया बोर्ड नहीं चलेगा।
निषाद राज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे सीएम
सीएम ने श्रृंगवेरपुर धाम में जन्मोत्सव कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री व गृहमंत्री ने वक्फ बोर्ड की मनमानी पर लगाम लगाई। वेलफेयर के कार्य के साथ यह सभी बोर्ड जुड़ें इसके लिए वक्फ बोर्ड से संबंधित एक अत्यंत महत्वपूर्ण अधिनियम लोकसभा में पारित किया है, यह आज राज्यसभा में भी पारित होगा। पिछली सरकारें नहीं चाहती थीं कि पौराणिक शहर को पहचान मिले। उनके लिए अपना वोट बैंक है, निषादराज की पौराणिक भूमि पर भी कब्जे की साजिश थी। जब हम महाकुंभ का आयोजन करने जा रहे थे, तो कुंभ की भूमि को भी वक्फ की भूमि बता दिया। भू माफिया प्रदेश में नहीं रह सकते, यहां माफियागिरी नहीं चलेगी।

प्रयाग नदियों संग प्रभु राम व निषाद राज के मिलन का संगम
प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती का महामिलन होता है, तो इसी प्रयागराज में भगवान श्री राम और निषादराज का भी मिलन हुआ है। ‘निषादराज स्मारक’ आपके गौरव का प्रतीक बन गया है, यह आपको एक नई पहचान दे रहा है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती का ‘महामिलन’ होता है, इसी प्रयागराज में भगवान श्रीराम और निषादराज का भी मिलन हुआ है।इसीलिए प्रयाग नाम सार्थक हुआ है।
रामभक्त ही कर सकते हैं महाकुंभ जैसा आयोजन
महाकुंभ 2025 ने दुनिया के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है कि दुनिया में इतना बड़ा आयोजन रामभक्त ही कर सकते हैं, कोई और नहीं कर सकता है। महाकुंभ के बहाने आज हमारा प्रयागराज भव्य शहर बन चुका है। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इसमें आए। जो प्रयागराज आया, अभिभूत होकर गया और आशीर्वाद देकर गया।
सम्मानित हुए गाइड, नाविक मत्स्य पालकों को मिला लोन
सीएम ने प्रभु श्री राम एवं राजा निषाद से जुड़ी कथाओं व ओडीओपी पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। वहीं 579 करोड़ की 181 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
इसके साथ ही महाकुम्भ के दौरान उत्कृष्ट योगदान पर गाइड, नाविकों एवं होम स्टे संचालकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत 1,400 मत्स्य पालकों को 20 करोड़ अनुदान राशि भी वितरित की।
