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स्मार्टफोन और ड्रग्स के नशे से बचें, तकनीक को अवसर बनाएं… युवाओं को CM योगी की नेक सलाह

गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के ‘संस्थापक सप्ताह समारोह’ के मुख्य महोत्सव में यूपी के मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के राज्यपाल ने मेधावियों को किया सम्मानित

गोरखपुर, 10 दिसंबर 2025:

यूपी के गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के ‘संस्थापक सप्ताह समारोह 2025’ के मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को मोबाइल के अधिक इस्तेमाल और नशे से दूर रहने की नसीहत दी। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि आज युवाओं के सामने दो बड़े खतरे ड्रग्स और स्मार्टफोन का नशा खड़े हैं।
दोनों ही युवा पीढ़ी के समय, क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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सीएम योगी ने कहा कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग न केवल आंखों की रोशनी को प्रभावित करता है बल्कि मस्तिष्क की सक्रियता को भी कम करता है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे फोन के लिए समय तय करें और उसका उपयोग केवल आवश्यक कार्यों तक सीमित रखें। उनके अनुसार स्मार्टफोन आपकी बुद्धि, विवेक और शारीरिक क्षमता को कमजोर कर देता है। इससे जितना बच सकते हैं, बचने का प्रयास जरूर करें।

तकनीक की चुनौतियों और संभावनाओं पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि दुनिया अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन और रोबोटिक्स के नए युग में प्रवेश कर चुकी है। ऐसे दौर में तकनीक से पीछे हटने के बजाय उसे अपनाना और उसमें कौशल विकसित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह सोच गलत है कि तकनीक आने से रोजगार खत्म होगा। नई तकनीक नए अवसर भी लेकर आती है। हमें खुद को इसके लिए तैयार करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की गौरवशाली विरासत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परिषद की नींव 1932 में महंत दिग्विजयनाथ ने गुरु भक्ति और शिक्षा के समर्पित भाव के साथ रखी थी। उन्होंने याद किया कि कैसे एक घटना के बाद अपने गुरु के सम्मान में महंत दिग्विजयनाथ ने विद्यालय की स्थापना की जो आगे चलकर महाराणा प्रताप कॉलेज और फिर शिक्षा परिषद के विशाल स्वरूप में विकसित हुआ।

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सीएम योगी ने महिला शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में परिषद के योगदान को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने बताया कि 1953-54 में स्थापित महिला कॉलेज और 1956 में शुरू हुआ तकनीकी संस्थान आज आधुनिक पाठ्यक्रमों और शिक्षण परंपरा के लिए पहचान बना चुके हैं। परिषद के इन प्रयासों ने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और तकनीकी सेवाओं की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने कहा कि जीवन में वही जीतता है जो हिम्मत नहीं हारता। अगर हम यह संकल्प लें कि अंधकार को कोसने के बजाय मिलकर एक दीप जलाएं, तो दुनिया में कोई अंधकार शेष नहीं रहेगा। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी और उत्तराखंड के राज्यपाल ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं में से उत्कृष्ट संस्था, उत्कृष्ट शिक्षक, उत्कृष्ट कर्मचारी, उत्कृष्ट परिचारक और स्नातकोत्तर, स्नातक, इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के मेधावी विद्यार्थियों तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया। मंच से करीब डेढ़ सौ पुरस्कार वितरित किए गए।

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