बाराबंकी, 11 नवंबर 2025:
सीएम योगी आदित्यनाथ ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह अभियान के अंतर्गत आज जिले की तहसील फतेहपुर पहुंचे। यहां उन्होने जिले को 1,734 करोड़ लागत की 254 विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया। इस मौके पर उन्होंने देश में रहने व खाने वाले लेकिन वंदे मातरम न गाने वालों की पहचान करने की हिदायत दी। वहीं उन्होंने रामसनेहीघाट में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने का एलान किया।
254 परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के साथ सीएम ने कई योजनाओं के लाभार्थियों को चेक एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, केवल एक शब्द नहीं, हम सभी की आन, बान और शान है, हमारा अस्तित्व है, हमारा और आने वाली पीढ़ी का भविष्य है। एक ओर भारत की अखंडता के शिल्पी लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती के 150 वर्ष पूर्ण हुए हैं। इसके साथ ही, भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ ने भी अपनी रचना के 150वें वर्ष में प्रवेश किया है। भारत का क्रांतिकारी, भारत का युवा कभी विचलित नहीं हुआ। आजादी के आंदोलन में उसने ‘वन्दे मातरम्’ गाते-गाते फांसी के फंदे को गले लगाने में संकोच नहीं किया

देश का पहला इनलैंड वाटरवे उत्तर प्रदेश में है। देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में संचालित हो रही है। डबल इंजन की सरकार प्रत्येक क्षेत्र में विकास के कार्य कर रही है। आज उत्तर प्रदेश विरासत का सम्मान कर रहा और विकास के लिए भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। हम सबके लिए राष्ट्र प्रथम होना चाहिए। राष्ट्र सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित हैं, राष्ट्र एक है तो हम भी एक हैं।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में बहुत शानदार यात्रा के साथ भारत आगे बढ़ा है। इसमें विकास भी है, गरीब कल्याण भी है और विरासत का सम्मान भी है। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी को स्वतंत्र भारत में पहली बार सम्मान देने का काम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और 500 वर्षों के बाद अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने का काम भी प्रधानमंत्री ने किया है। नैमिषारण्य की पौराणिक पहचान को फिर से स्थापित करने का काम हो रहा है।
जब हम स्वतंत्र भारत की बात करते हैं तब हमें भूलना नहीं चाहिए कि ब्रिटिशर्स चाहते नहीं थे कि भारत एक रहे। यही कारण था कि उन लोगों ने भारत को अनेक प्रकार से बांटने की साजिश की थी। विदेशी हुकूमत होती ही ऐसी है। आज भी कुछ लोग हैं, रहेंगे हिंदुस्तान में, खाएंगे हिंदुस्तान में, लेकिन ‘वंदे मातरम्’ नहीं गाएंगे, हम उनकी मंशा को समझें। जो लोग ‘वंदे मातरम्’ का विरोध कर रहे हैं, वे भारत माता का विरोध कर रहे हैं। इन चेहरों को पहचानो, जो शासकीय योजना में हड़पने की होड़ में पहली लाइन में खड़े होते हैं, लेकिन जब ‘वंदे मातरम्’ गान की बात होती है तो कहते हैं कि हम नहीं गाएंगे।
जिले के प्रगतिशील अन्नदाता किसानों रामशरण, सन्दीप वर्मा, मोइनुद्दीन व निमिष सिंह का नाम लेकर को बधाई दी। कहा कि सिंथेटिक मेंथा पर पांच फीसदी जीएसटी की जानकारी देते हुए एलान किया कि हम लोग रामसनेही घाट के पास 232 एकड़ क्षेत्रफल में एक औद्योगिक क्षेत्र के विकास का कार्य करने जा रहे हैं।






